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सीएम के साथ बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों ने खत्म किया अनशन, हड़ताल भी ली वापस

आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले में इंसाफ मांग रहे जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार शाम को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक के बाद अपना आमरण अनशन खत्म कर दिया.

मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन, टास्क फोर्स व ग्रीवांस सेल में शामिल होंगे जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधिजूूनियर डॉक्टर बोले- पीड़िता के अभिभावकों के आग्रह पर खत्म की भूख हड़ताल, जारी रहेगा आंदोलन

संवाददाता, कोलकाताआरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले में इंसाफ मांग रहे जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार शाम को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक के बाद अपना आमरण अनशन खत्म कर दिया. उन्होंने मंगलवार को प्रस्तावित हड़ताल भी वापस ले ली. आंदोलनरत जूनियर डॉ देवाशीष हल्दार ने अनशन खत्म करने की घोषणा की. इससे पहले राज्य सचिवालय नबान्न में मुुख्यमंत्री के साथ जूनियर डॉक्टरों के 17 प्रतिनिधियों ने बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव मनोज पंत, गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती, स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम समेत विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल व अधीक्षक शामिल हुए. सीएम के साथ बैठक से लौटने के बाद जूनियर डॉक्टरों ने विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के अपने साथियों और वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ गवर्निंग बॉडी (जीबी) की बैठक कर अनशन खत्म करने का निर्णय लिया. गौरतलब है कि पिछले पिछले पांच अक्तूबर से धर्मतला के डोरिना क्रॉसिंग पर आरजी कर अस्पताल की पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए 10 सूत्री मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टरों का ‘आमरण अनशन’ चल रहा था. यहां सात जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल पर थे. इसके अलावा नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज में भी भूख हड़ताल चल रही थी. डॉ देवाशीष हल्दार ने धर्मतला में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वे बैठक में प्रशासन के बॉडी लैंग्वेज (भावभंगिमा) से नाराज हैं. 17 दिनों से अमरण अनशन चल रहा था. सोमवार को आरजी कर की पीड़िता के अभिभावक भी अनशन मंच पर पहुंचे थे. जहां उन्होंने अपनी संतान के समान जूनियर डॉक्टरों से आमरण अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया. डॉ हल्दार ने बताया कि वे इस बैठक (सीएम के साथ बैठक) से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है. क्योंकि, बैठक में सीएम ने स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ शिकायतों को सुना ही नहीं. पर पीड़िता के अभिभावकों के अनुरोध पर उन्होंने अमरण अनशन से हटने का निर्णय लिया है. आंदोलनरत हल्दार ने भूख हड़ताल वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि आरजी कर कांड को लेकर उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि आम लोगों को होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए पूर्व घोषित मंगलवार की हड़ताल भी नहीं करेंगे. लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि पीड़िता के लिए न्याय की मांग पर अगले शनिवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महासभा का आयोजन होगा. इस सभा में जूनियर व सीनियर डॉक्टरों के साथ विशिष्ट लोग भी शामिल होंगे.

इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नबान्न में जूूनियर डॉक्टरों के साथ लगभग दो घंटे तक बैठक की. बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग की गयी. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में सुरक्षा, विभिन्न कमेटियों में जूनियर चिकित्सकों के प्रतिनिधियों को शामिल करने व मार्च 2025 के पहले मेडिकल कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव कराने का आश्वासन दिया.

जूनियर डॉक्टरों को मुख्यमंत्री का आश्वासन: बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने जूनियर डॉक्टरों की मांगों को मानते हुए मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने, समस्याओं का समाधान करने व शिकायतों का निबटारा करने के लिए राज्य स्तर के साथ-साथ जिला स्तर व मेडिकल कॉलेज स्तर पर अलग-अलग टास्क फोर्स व ग्रीवांस सेल गठन करने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक स्तर की सेल में अब से जूनियर चिकित्सक के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. मुख्यमंत्री ने जूनियर चिकित्सकों से कहा कि हमारी सरकार राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षित वातावरण तैयार करना चाहती है और इसके लिए राज्य सरकार हर संभव कदम उठा रही है. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने एक बार फिर जूनियर चिकित्सकों से अनशन व हड़ताल बंद करने की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा कि अनशनरत जूनियर डॉक्टरों के स्वास्थ्य की वह लगातार नजर रख रही हैं और उन्होंने ही अस्पतालों को निर्देश दिया है कि जो जूनियर चिकित्सक अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, उनका बेहतर इलाज कराया जाये.सोमवार को शाम 5:00 बजे शुरू हुई यह बैठक 7:00 बजे तक चली. हालांकि, राज्य सचिवालय की ओर से जूनियर चिकित्सकों के लिए मात्र 45 मिनट का समय दिया गया था, लेकिन बावजूद इसके यह बैठक करीब दो घंटे तक चली.

17 दिनों से आमरण अनशन पर थे जूनियर डॉक्टर

जूनियर डॉक्टर पिछले 17 दिनों से आमरण अनशन पर थे. वे आरजी कर की पीड़िता के लिए न्याय तथा राज्य के स्वास्थ्य सेवा ढांचे में व्यवस्थागत बदलाव की मांग कर रहे हैं. भूख हड़ताल पर बैठे छह डॉक्टरों को बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया. जबकि आठ अन्य अनिश्चितकालीन अनशन पर थे. जूनियर डॉक्टर अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे. उनकी मांग है कि राज्य सरकार गतिरोध को दूर करने के लिए 21 अक्टूबर तक ठोस कार्रवाई करे. मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर गौर करने का वादा किया है.

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