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मॉनसून में इम्यूनिटी के महत्व पर जागरूकता सत्र आयोजित

खासकर बच्चे इससे प्रभावित होते हैं. तापमान में कमी और नमी के स्तर में वृद्धि के कारण माॅनसून के दौरान संक्रमण होना एक आम बात है.

कोलकाता. भारत में लोग सबसे ज्यादा माॅनसून का इंतजार करते हैं, क्योंकि यह चिलचिलाती गर्मी से राहत देकर हमें फिर से तरोताजा कर देता है. लेकिन, यह मौसम कई तरह की बीमारियां भी साथ लाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने पर हम इनकी चपेट में आ सकते हैं. खासकर बच्चे इससे प्रभावित होते हैं. तापमान में कमी और नमी के स्तर में वृद्धि के कारण माॅनसून के दौरान संक्रमण होना एक आम बात है. आमतौर पर माॅनसून में सर्दी-खांसी, मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड और निमोनिया जैसी बीमारियां फैलती हैं. उष्ण, नम और आर्द्र जलवायु के कारण कई तरह के संक्रमण हो सकते हैं, जो प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने पर ज्यादा तेजी से फैलते हैं. सदियों पुरानी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति पर आधारित औषधि की सही मात्रा, माॅनसून के रोगाणुओं से लड़ने में मददगार है. प्रतिदिन दो चम्मच च्यवनप्राश लेने से काफी लाभ मिलता है. माॅनसून में रोग प्रतिरोधक क्षमता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए डाबर च्यवनप्राश ने बैरकपुर स्थित उत्तम चंद्र प्राइमरी स्कूल के 250 से अधिक छात्रों के साथ विशेष सत्र का आयोजन किया. इस अवसर पर डाबर इंडिया लिमिटेड के मैनेजर-कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस दिनेश कुमार और बैरकपुर स्थित उत्तम चंद्र प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक देबाशीष चक्रवर्ती व शिक्षक उपस्थित थे. यह जानकारी देते हुए डॉ परमेश्वर अरोड़ा (आयुर्वेद) ने कहा कि च्यवनप्राश एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक सूत्र है, जिसका इस्तेमाल दशकों से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जा रहा है. मौके पर डाबर इंडिया लिमिटेड के मार्केटिंग हेड-हेल्थ सप्लीमेंट्स प्रशांत अग्रवाल ने भी संबोधित किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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