कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितता के आरोपों में गिरफ्तार अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष (53), विप्लव सिंह (52), सुमन हाजरा (46) और अफसर अली खान (44) को मंगलवार को अदालत ने आठ दिनों की सीबीआइ हिरासत में भेज दिया. चारों को मंगलवार को अलीपुर अदालत स्थित स्पेशल सीबीआइ कोर्ट में पेश किया गया, जहां केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोपियों को सीबीआइ हिरासत में भेजे जाने का आग्रह किया. साथ ही दावा किया कि चारों की भूमिका वित्तीय अनियमितता में महत्वपूर्ण है. ऐसे में उनसे पूछताछ जरूरी है. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने चारों को आठ दिनों की सीबीआइ हिरासत में भेजे जाने का आदेश दिया. गौरतलब है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों ने सोमवार को संदीप घोष सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. मंगलवार अपराह्न यहां निजाम पैलेस स्थित सीबीआइ दफ्तर से डॉ संदीप घोष को जब बाहर लाया गया, तब उनके खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी की. घोष को कड़ी सजा देने की मांग की गयी. कड़ी सुरक्षा के बीच घोष और अन्य आरोपियों को अलीपुर अदालत लाया गया, जहां अधिवक्ताओं के एक वर्ग ने भी घोष को लेकर नारेबाजी की. उनके समक्ष ‘चोर-चोर’ व ‘धिक्कार’ के नारे लगाये गये. इतना ही नहीं, अदालत से जब घोष को वापस सीबीआइ कार्यालय ले जाया जा रहा था, तभी अदालत परिसर में मौजूद लोगों की भीड़ में किसी शख्स ने उसे थप्पड़ जड़ दिया.
डॉ संदीप घोष को स्वास्थ्य विभाग ने किया निलंबित
कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या की घटना के 26 दिनों बाद स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष को निलंबित कर दिया. अस्पताल में वित्तीय अनियमितता के मामले में सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद डॉ घोष को निलंबित किया गया है. हालांकि इस निलंबन के संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई कारण नहीं बताया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है