कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कोरोना से मौत और संक्रमण के मामले में हेरफेर के आरोप के बाद अब रेड जोन को लेकर भी केंद्र सरकार और राज्य सरकार में टकराव शुरू हो गया. भाजपा ने पश्चिम बंगाल सरकार पर कोरोना के मामले को छिपाने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है. केंद्र सरकार द्वारा जारी नयी सूची के मुताबिक राज्य के 10 जिले रेड जोन में आ गये हैं. इसके पहले केवल 4 जिले रेड जोन में थे. ये जिले कोलकाता, हावड़ा, उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर थे.
Also Read: दूतावास की कार में महिलाओं के साथ घूम रहे थे नवाबजादे, गिरफ्तार
अब जो नयी सूची जारी हुई है, उसमें रेड जोन में शामिल जिलों की संख्या और बढ़कर 10 हो गयी है. नयी सूची के मुताबिक कोलकाता, हावड़ा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कालिमपोंग और मालदा जिले रेड जोन में हैं. इनमें से 6 जिले पहले ऑरेंज जॉन में थे, लेकिन यहां गत 21 दिनों के दौरान हालात नहीं संभले और ये जिले रेड जोन में तब्दील हो गये हैं.
इसके अलावा राज्य का हुगली, पश्चिम बर्दवान, नदिया, पूर्व बर्दवान और मुर्शिदाबाद जिला ऑरेंज जोन में है. बाकी 8 जिले अभी भी कोरोना से मुक्त हैं. उल्लेखनीय है कि जब पहली सूची जारी हुई थी और राज्य के 4 जिले रेड जोन में थे तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आनन-फानन में प्रशासनिक बैठक की थी और आदेश दिया था कि 15 दिनों के भीतर रेड जोन को ग्रीन जोन में तब्दील करना होगा. प्रशासन ने भी सख्ती से इसका पालन शुरू किया था, लेकिन नयी सूची ने राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है.
खास बात यह है कि 3 मई को लॉकडाउन खत्म होने की संभावना को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही खारिज कर दिया है. उन्होंने इशारे-इशारे में स्पष्ट किया है कि 21 मई तक राज्य में सख्ती बरकरार रह सकती हैं. अब जबकि राज्य के 10 जिले रेड जोन में शामिल हो गए हैं तो यह आशंका प्रबल है कि बंगाल में किसी भी तरह से राहत ना मिले. सीएम ने यह भी घोषणा की थी कि ग्रीन जोन में सोमवार से दुकानें बाजार आदि खुलेंगे और प्राइवेट बसें भी चलेंगी.
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पहले कोरोना संक्रमण और मृत्यु आंकड़े में हेरफेर कर रही थी, लेकिन अब रेड जोन के मामले की भी गलत जानकारी दे रही हैं. उन्हें यह समझ में नहीं आता कि राज्य सरकार कोरोना से संबंधित सूचनाएं क्यों छुपा रही है? क्योंकि यदि महामारी बढ़ती है तो इससे राज्य सरकार और बंगाल की जनता को ही परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
राज्य के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के सचिव विवेक कुमार ने केंद के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग की सचिव प्रीति सूदन को पत्र लिख कर कहा है कि केंद्र ने राज्यों के रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन का जो वर्गीकरण किया है उसमें गलती है. श्री कुमार ने 30 अप्रैल को कैबिनेट सचिव के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में हुई बैठक का हवाला देते हुए लिखा है कि पश्चिम बंगाल के 10 जिलों को रेड जोन में दिखाया गया है, जबकि केंद्र के ही पैमाने से राज्य में केवल चार जिले रेड जोन में हैं. इनमें कोलकाता, हावड़ा, उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर शामिल हैं.
श्री कुमार ने अपने पत्र के साथ जिलों की जोन आधारित सूची भी संलग्न की है. इसमें देखा जा सकता है कि चार जिले रेड जोन में, 11 जिले ऑरेंज जोन में और आठ जिले ग्रीन जोन में हैं. जबकि केंद्र के वर्गीकरण के मुताबिक बंगाल में 10 जिले रेड जोन में, पांच जिले ऑरेंज और आठ जिले ग्रीन जोन में हैं.