कोलकाता. बांग्ला भाषा को बढ़ावा देने संबंधी एक प्रस्ताव वार्ड- 48 के तृणमूल पार्षद विश्वरूप दे ने नगर निगम के अधिवेशन में पेश किया. पार्षद ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने बांग्ला को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी है. हमें भी महानगर में बांग्ला के प्रचार-प्रसार पर जोर देना चाहिए. सार्वजनिक और निजी स्तर पर साइनबोर्ड बांग्ला में लिखे जाने चाहिए. निगम के दस्तावेज सहित सभी पत्राचार और परिपत्रों को बांग्ला में प्रकाशित किया जाना चाहिए. पार्षद के प्रस्ताव पर मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि बांग्ला के प्रचार-प्रसार में निगम को अग्रणी भूमिका निभानी होगी. इस संबंध में जल्द ही निगम की ओर से एक निर्देशिका जारी की जायेगी. हम भी यह चाहते हैं कि शहर के सभी कार्यालयों और दुकानों के नाम बांग्ला में लिखे जाएं. आगामी दिनों में हम निगम के कामकाज में बांग्ला का प्रयोग बढ़ाने का प्रयास करेंगे. मेयर ने कहा अधिकतर लोग बांग्ला समझते हैं. इनकी मातृभाषा बांग्ला है. इसलिए बांग्ला में लिखना व समझना आसान होगा और हर कोई इस पर गर्व महसूस कर सकता है. फिरहाद ने कहा कि ब्रिटिश शासनकाल से ही कोलकाता में बांग्ला के बजाय अंग्रेजी को प्रधानता दी गयी, जिसका असर आज भी दिखा रहा है. इसी कारण शहर के कई साइनबोर्ड व दुकानों के नाम अंग्रेजी में हैं. मेयर ने कहा कि हम किसी भाषा का विरोध नहीं कर रहे हैं. पर साइनबोर्ड या दुकानों के नाम पहले बांग्ला में लिखे होने चाहिए. उसके नीचे हिंदी, अंग्रेजी या अन्य भाषा में लिखा जा सकता है. ज्ञात रहे कि ऐसी ही पहल वाममोर्चा के शासनकाल में भी की गयी थी. लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली थी.
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