कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हमेशा से ही राज्य में एमएसएमई उद्योगों के विकास को लेकर तत्पर रहती हैं. पश्चिम बंगाल को एमएसएमई क्षेत्र में देश में अव्वल स्थान पर बरकरार रखना ही राज्य सरकार का लक्ष्य है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने कई योजनाएं भी शुरू की है और उद्योग के विकास के लिए उद्यमियों को ऋण प्रदान कर रही है. जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए 1.53 लाख करोड़ रुपये का ऋण देने का लक्ष्य रखा है और उम्मीद जाहिर की है कि यह आंकड़ा पार हो जायेगा. बताया गया है कि वर्ष 2023-24 के वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने एमएसएमई को 1.42 लाख करोड़ रुपये ऋण प्रदान किया गया था, जिसमें इस वर्ष 7.7 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है. राज्य के एमएसएमई विभाग के अधिकारी के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष के पहले दो तिमाहियों में ही इस लक्ष्य का लगभग 77 प्रतिशत हिस्सा हासिल कर लिया गया है.उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए क्रेडिट प्रवाह भी लगातार बढ़ रहा है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एसएचजी के लिए 30 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है, जबकि पिछले वर्ष 25 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल किया गया था. उन्होंने कहा कि राज्य की 12.14 लाख एसएचजी समूह आर्थिक विकास और मांग सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर कॉर्पोरेट करों में कटौती के बावजूद निजी क्षेत्र के निवेश अपेक्षित स्तर पर नहीं पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि राज्य का पूंजीगत व्यय भी तेजी से बढ़ा है, जो 2010-11 में दो हजार 226 करोड़ रुपये था और 2024-25 में बजट के अनुसार 35,865.55 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
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