दक्षिण पूर्व रेलवे ने सिग्नल व परिचालन से जुड़ीं समस्याओं का समाधान पूरी प्रक्रिया के तहत ही करने का निर्देश किया जारी कोलकाता. दक्षिण पूर्व रेलवे ने बुधवार को एक नयी निर्देशिका जारी कर सिग्नल और टेलीकॉम (एसएंडटी) विभाग को ‘फेलियर मेमो’ (सिग्नल या प्वाइंट की विफलता से जुड़ा मेमो) और ‘डिसकनेक्शन मेमो’ (ट्रेन की आवाजाही रोकने के लिए सिग्नल गियर बाधित करने से जुड़ा मेमो) लेने के बाद ही सिग्नल संबंधी समस्या को दूर करने का निर्देश दिया है. दक्षिण पूर्व रेलवे के एक अधिकारी ने बताया : हम चाहते हैं कि सिग्नल या फिर परिचालन संबंधी कोई भी समस्या होने पर रेलकर्मी और अधिकारी पूरे नियमों का पालन करते हुए कार्रवाई करें. रेलवे में शॉर्टकट के लिए कोई स्थान नहीं है. दपूरे ने राज्य के नालपुर में एक ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना के बाद यह कदम उठाया, जिसकी जांच में यह बात सामने आयी थी कि सिग्नल समस्या को उचित प्रक्रिया का पालन किये बिना हल किया जा रहा था. एसईआर के प्रमुख मुख्य सिग्नल व दूरसंचार इंजीनियर की ओर से 11 नवंबर को जारी परिपत्र में कहा गया है : यह दोहराया जाता है कि सिग्नल की विफलता से जुड़े मामले को केवल उचित ‘फेलियर मेमो’ और ‘डिसकनेक्शन मेमो’ लेकर ही हल किया जाना चाहिए. इसमें कहा गया है : सुधार और गहन परीक्षण के बाद इसे मानक प्रक्रिया के अनुसार उचित ‘रिकनेक्शन मेमो’ के जरिये फिर से जोड़ा जाना चाहिए. यह परिपत्र खड़गपुर, आद्रा, चक्रधरपुर और रांची रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल सिग्नल और दूरसंचार इंजीनियरों को भेजा गया है. नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए उन्हें सभी रखरखाव कर्मचारियों को जरूरी परामर्श देने का निर्देश दिया गया है. रेलवे के सूत्रों ने बताया कि हावड़ा के पास नालपुर स्टेशन पर नौ नवंबर को सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण इस तरह का परिपत्र जारी करने की आवश्यकता पैदा हुई. नालपुर एसईआर जोन के खड़गपुर रेल मंडल के अंतर्गत आता है. रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना की जांच के दौरान दो गंभीर बातें सामने आयीं. पहली, नालपुर के स्टेशन मास्टर ने एसएंडटी विभाग को ‘फेलियर मेमो’ जारी किये बिना और रिकॉर्ड बुक में समस्या दर्ज किये बिना तकनीशियन से सिग्नल को ठीक करने को कहा, जो रेलवे सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है. यहां तक कि एसएंडटी विभाग ने स्टेशन मास्टर को ‘डिस्कनेक्शन मेमो’ नहीं दिया, जिसका मतलब यह होता है कि ‘रिकनेक्शन मेमो’ जारी न होने तक उस सिग्नल से कोई ट्रेन नहीं गुजरनी चाहिए.
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