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स्वास्थ्य सचिव को हटाने की मांग पर अड़े जूनियर डॉक्टर

धर्मतला अनशन मंच के सामने जूनियर डॉक्टरों ने की 'महासभा', बड़ी संख्या में शामिल हुए आम लोग भी

कोलकाता. आरजी कर अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या को लेकर डॉक्टरों का आंदोलन पिछले दो महीने से जारी है. राज्य के मुख्य सचिव को पद से हटाये जाने सहित 10 सूत्री मांगों पर आठ जूनियर डॉक्टर 15 दिनों से अनशन पर हैं. इस बीच, जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार को हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. इस बार जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल में सरकारी व निजी अस्पतालों के सीनियर चिकित्सक भी शामिल होंगे. हड़ताल की घोषणा के बाद से ही राज्य सरकार चिंतित है. शनिवार को मुख्य सचिव अनशन मंच पर पहुंचे थे, जहां उनके फोन से जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की थी. इसके बाद रविवार को जूनियर डॉक्टरों द्वारा धर्मतला के डोरिना क्रॉसिंग पर अनशन मंच के पास ”महासभा” का आयोजन किया गया. यहां हजारों की संख्या में आम लोगों के साथ विभिन्न संगठनों के सीनियर डॉक्टर भी शामिल हुए.

आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर देबाशीष हाल्दार ने कहा : हमारे आठ साथी भूख हड़ताल पर हैं. अनशन की वजह से उनकी शारीरिक स्थिति लगातार बिगड़ रही है. वहीं, आरजी कर कांड को लेकर हम 70 दिन से लगातार आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में हमारा शरीर अब काम करना बंद कर रहा है. फिर भी हम इस आंदलोन को चला रहे हैं, क्योंकि हमें न्याय चाहिए. हम चाहते हैं कि अब किसी और की अभया (पीड़िता) जैसी हालत न हो. इस वजह से 10 सूत्री मांगों को सामने रख कर हम आंदोलन कर रहे हैं. डॉ हाल्दार ने कहा : हम सोमवार की बैठक के लिए तय समय पर राज्य सचिवालय नबान्न पहुंच जायेंगे. हम उम्मीद करते हैं कि बैठक के बाद हमारी सभी 10 मांगें मान ली जायेंगी. मंगलवार को सभी डॉक्टरों की हड़ताल जैसी स्थिति नहीं बनेगी. साथ ही सोमवार को सभी सरकारी अस्पतालों में आरजी कर कांड पर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा. हम भूख हड़ताल को जारी रखते हुए सीएम के साथ बैठक में शामिल होंगे. देबाशीष हाल्दार ने कहा : यह कहना सही नहीं है कि सरकार ने हमारे आग्रह पर कार्रवाई की है. पुलिस कमिश्नरों को हटाना, स्वास्थ्य अधिकारियों को हटाना, हमारी बचकानी जिद नहीं है.

सीबीआइ पर भी साधा निशाना

डॉ देबाशीष हाल्दार ने सीबीआइ पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा : सीबीआइ द्वारा जारी चार्जशीट में क्यों संजय राय का ही नाम शामिल किया गया. इस मामले में सबूतों को मिटाने वाले अन्य दो गिरफ्तार आरोपियों के नाम क्यों नहीं शामिल किये गये. बता दें कि डॉ हाल्दार ने नाम न लेते हुए आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाने के पूर्व ओसी अभिजित मंडल की ओर इशारा किया.

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