आरोपियों को उत्तर 24 परगना के मध्यमग्राम व बनगांव से पकड़ा गया है कोलकाता. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने झारखंड में बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ व मानव तस्करी से जुड़े धनशोधन के मामले में पश्चिम बंगाल से दो बांग्लादेशी नागरिकों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों के नाम रोनी मंडल और समीर चौधरी बताये गये हैं. गिरफ्तार किये गये भारतीय नागरिकों के नाम पिंटू हलदर और पिंकी बसु मुखर्जी हैं. चारों को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है. इस मामले की जांच में इडी के रडार पर और चार लोग हैं. उनसे केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों की पूछताछ जारी है. इडी ने पिंकी नामक महिला को उत्तर 24 परगना के मध्यमग्राम के बंकिमपल्ली स्थित ठिकाने से लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है. वह ट्रांसपोर्ट के कारोबार से जुड़ी है. बांग्लादेश में उसका काफी आना-जाना है. आशंका जतायी जा रही है कि कारोबार की आड़ में आरोपी महिला द्वारा नौकरी दिलाने का झांसा देकर कई बांग्लादेशी महिलाओं को भारत में अवैध तरीके से तस्करी कर लाया गया है और उन्हें देश में व्यवसाय व अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल कर लिया गया. फिलहाल, इसकी जांच जारी है. पिंकी के पूर्व पति अभिजीत बसु भी इडी की जांच के दायरे में है. उसके ठिकाने पर भी गत मंगलवार को अभियान चलाया गया. उससे भी पूछताछ कर तथ्यों का पता लगाने की कोशिश जारी है. इधर, इडी ने बनगांव के पूर्वपाड़ा में एक टैक्सी चालक पिंटू हलदर को करीब 11 घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया. सूत्रों के अनुसार, उसके आवास से 12 बैंक खाते व अन्य दस्तावेज जब्त किये गये हैं. हलदर भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे पेट्रापोल से लोगों को कोलकाता लाने के कार्य से जुड़ा है. इधर, दो बांग्लादेशी नागरिकों को मध्यमग्राम से गिरफ्तार किया गया है. गौरतलब है कि गत मंगलवार को इडी ने पश्चिम बंगाल और झारखंड में 17 जगहों पर छापेमारी की थी. बंगाल में 12 जगहों पर छापा मारा गया था. दो बांग्लादेशियों व भारतीय टैक्सी चालक को मंगलवार की देर रात गिरफ्तार किया गया, जबकि पिंकी नामक महिला को बुधवार की सुबह में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया. इडी ने झारखंड में कुछ बांग्लादेशी महिलाओं की कथित घुसपैठ और तस्करी के एक मामले की जांच के लिए पीएमएलए के तहत सितंबर में एक मामला दर्ज किया था. ऐसा आरोप है कि घुसपैठ और तस्करी से आपराधिक आय अर्जित की गयी है. इडी को आशंका है कि काले धन को हवाला के जरिये अलग-अलग जगहों पर भेजा गया और उसे सफेद किया गया. इडी की जांच के दायरे में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े कुछ लोग भी हैं.
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