मनोरंजन सिंह, कोलकाता
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निबटने में स्वच्छ व हरित वातावरण बहुत ही उपयोगी तकनीक है. पर्यावरण का हमारे स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव पड़ता है. स्वस्थ मिट्टी फसल की वृद्धि में सहायक होती है, स्वच्छ हवा श्वसन संबंधी नुकसान को कम करती है. इसी प्रकार स्वच्छ नदियां-झीलें, सागर मनुष्यों और वन्यजीवों की जरूरतों को पूरा करती हैं. ये तत्व पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण चक्रों को बनाये रखते हैं, जो इस दुनिया को जीवित रखते हैं. गंगासागर मेले को भी पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन पूरी जोर-शोर से तैयारी में जुटा है. गंगासागर मेले के दौरान सागर को क्लीन और ग्रीन रखने के लिए तीन हजार कर्मी मुस्तैद हैं. इसके अलावा सागर प्रहरी से लेकर अन्य कई यूनिटें भी हैं. कचरा संग्रहण के लिए 75 ई-कार्ट, समुद्र तट की नियमित सफाई, झाड़ू लगाने और अपशिष्ट निबटान के लिए 3000 से अधिक कर्मियों को तैनाती, पर्यावरण अनुकूल मेला लागू करने के लिए स्वयं सहायता समूहों और सभी हितधारकों का सामुदायिक प्रशिक्षण और लामबंदी की गयी है.सागर में न जाये प्लास्टिक, लगे डेढ़ किलोमीटर बैरियर: जिला प्रशासन के मुताबिक, गंगासागर मेले के दौरान सागर में प्लास्टिक नहीं पहुंच सके, इसके लिए समुद्र में घाट नंबर वन ए से लेकर छह तक करीब 1.5 किमी तक बैरियर लगाये गये हैं. गंगासगर मेले में सागर में कोई भी प्लास्टिक के सामान समुद्र में नहीं जाये, इस पर जोर दिया गया है. इसके अलावा सागर को क्लीन और ग्रीन बनाने के लिए सागर प्रहरी के अलावा सात ठोस अपशिष्ट प्रबंधन यूनिट भी हैं.
खोले गये हैं मेगा कंट्रोल रूम
जिला प्रशासन के मुताबिक, मेले परिसर में 100 सोलर लाइट की व्यवस्था की गयी है. मेगा कंट्रोल रूम के जरिये ड्रोन की मदद से मेले की निगरानी रखी जायेगी. इसके अलावा तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं. प्लास्टिक बोतल कलेक्शन यूनिट से लेकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए अलग-अलग सात यूनिटें मुस्तैद हैं. उन प्लास्टिक व वाटर बोतल को डस्टबिन में रख कर उसे रिसाइक्लिंग के लिए इस्तेमाल किया जायेगा. इधर, जीबीडीए के चेयरमैन श्रीमंत कुमार माली ने बताया कि 2011 के बाद से सीएम ममता बनर्जी ने 12 वर्षों से गंगासागर मेले को काफी विकसित किया है. सागर प्रहरी के अलावा सागर को ग्रीन और क्लीन करने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं.पर्यावरण अनुकूल आकर्षक बैग दिये जाने पर जोर
मेले को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए तीर्थयात्रियों को जागरूक करने पर बल दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक एक्सचेंज कार्यक्रम के जरिये पूरे गंगासागर को प्लास्टिक मुक्त रखा जायेगा. इसके तहत मेले में आने वाले तीर्थयात्रियों के प्लास्टिक के बैग को संग्रह कर लिया जायेगा. बदले में उन्हें पर्यावरण अनुकूल आकर्षक बैग दिये जायेंगे. तीन प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयां कार्यरत होंगी. पूजा सामग्री ले जाने के लिए तीर्थयात्रियों को बायोडिग्रेडेबल बैग और पर्यावरण अनुकूल खाद बैग वितरित किये जायेंगे. पर्यावरण विभाग गंगासागर मेले को ग्रीन मेला बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के अलावा जागरूकता सृजन के साथ पर्यावरण मेले का आयोजन किया है. दक्षिण 24 परगना के डीएम सुमित गुप्ता ने गंगासागर मेला कार्यालय के सामने इको-फ्रेंडली मेले का आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया. इस दौरान मंत्री बंकिम चंद्र हाजरा, मेला अधिकारी एडीएम अनिश दास गुप्ता, एडीएम एलए हरसिमरन सिंह, सुंदरबन पुलिस के एसपी कोटेश्वर राव समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.भव्य सजावट के साथ शुरू हुई महासागर आरती
कोलकाता. सागरद्वीप में भव्य सजावट के साथ शनिवार शाम को महासागर आरती शुरू हुई. इसका आधिकारिक तौर पर कार्यक्रम के जरिये उद्घाटन किया गया. इस मौके पर मौके पर राज्य के मंत्री बंकिम चंद्र हाजरा, दक्षिण 24 परगना जिले के डीएम सुमित गुप्ता समेत अन्य अधिकारी, संजय महाराज व हेमंंत महाराज समेत अन्य उपस्थित थे. प्रदीप प्रज्वलित कर महासागर आरती का उद्घाटन किया गया. मालूम हो कि गंगासागर मेले में राज्य सरकार की ओर से 11, 12 व 13 जनवरी को समुद्र तट संख्या दो और तीन के बीच में शाम साढ़े पांच बजे से सागर आरती आयोजित की गयी है. इसके अलावा तीनों दिन ही सागर प्रवचन भी होंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है