कोलकाता. आरजी कर अस्पताल कांड मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, मामले की अगली सुनवाई पांच सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में होगी. इसी बीच, एक महिला अधिवक्ता ने सुरक्षा की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उनकी शिकायत है कि आरजी कर अस्पताल कांड में मुकदमा करने पर उन्हें धमकी दी जा रही है. उन्होंने दावा किया कि उन्हें ”निशाना” बनाया जा रहा है और हत्या की साजिश रची जा रही है. गौरतलब है कि इससे पहले अधिवक्ता संयुक्ता सामंत ने हाइकोर्ट के न्यायाधीश तीर्थंकर घोष की बेंच में मामला दायर किया है, जिस पर सुनवाई लंबित है. उन्होंने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोलकाता पुलिस और राज्य प्रशासन संदेशखाली और आरजी कर अस्पताल कांड को लेकर याचिका दायर करने बाद उन्हें निशाना बना रहे हैं. मामले की सुनवाई के दौरान उन्होंने सीधे तौर पर कलकत्ता हाइकोर्ट के सरकारी वकील के खिलाफ शिकायत की. सोमवार को न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ में वादी के वकील ने दावा किया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय में सरकारी वकील तृणमूल कैडर की तरह काम कर रहे हैं. हालांकि, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिवक्ता की अर्जी खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय में लंबित है, इसलिए महिला अधिवक्ता को हाइकोर्ट जाने का सुझाव दिया.
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