Galwan Valley, LAC : कोलकाता : एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए बंगाल के दो जवानों के परिवारों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के राजेश ओरांग और अलीपुरद्वार जिले के बिपुल रॉय समेत 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर गलवान घाटी में शहीद हुए वीर जवानों के परिवारें के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यह देश के लिए उनका सर्वोच्च बलिदान है. शोकाकुल परिवार को हुए नुकसान की कभी भरपाई नहीं की जा सकती.
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मुश्किल की इस घड़ी में हम अपने धरती पुत्रों के साथ खड़े हैं. हमने शहीदों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये और एक सदस्य को पश्चिम बंगाल सरकार में नौकरी देने का फैसला किया है.
बीरभूम जिले के शहीद हुए राजेश ओरांग अपने 3 भाई-बहनों में सबसे बड़े थे. वर्ष 2015 में वह सेना में शामिल हुए थे. शहीद राजेश के पिता सुभाष ने बुधवार को कहा कि मेरे बेटे ने देश की सेवा की और उसके लिए अपनी जान दे दी. सुभाष ने बताया कि राजेश की दो छोटी बहनें हैं. वह 2015 में सेना में भर्ती हुआ था और बिहार रेजीमेंट से था.
बीरभूम जिला के अंतर्गत आने वाले मोहम्मदबाजार पुलिस थाना के बेलगोरिया गांव में साधारण से किसान सुभाष ने गरीबी के बीच अपने बच्चों की परवरिश की. राजेश उन 20 भारतीय सैन्यकर्मियों में से एक थे, जो सोमवार रात को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान शहीद हो गये.
वहीं, अलीपुरदुआर जिले के शहीद हुए एक और लाल बिपुल रॉय समुकताला थाना क्षेत्र के बिंदीपाड़ा गांव के निवासी थे. बेटे के शहीद होने की खबर मिलते पिता व उनके परिवार में मातम छा गया है. परिवारिक सूत्रों से मिली खबर के अनुसार, बिपुल 19 साल पहले भारतीय सेना में शामिल हुए थे. वे अपनी पत्नी और 5 साल की नन्ही बेटी के साथ दिल्ली के आर्मी क्वार्टर में रहा करते थे. सिग्नल रेजिमेंट में कांस्टेबल के रूप में उनकी तैनाती थी.
बिपुल के बुजुर्ग माता-पिता और एक भाई गांव में रहते हैं. गांव में बिपुल का एक खास्ताहाल घर है, जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. बिपुल के पिता व उनके परिजनों ने बताया कि 5 महीने पहले हमारा लाल बिपुल अपने घर आया था. जाने के दौरान पिता से कहा था कि इस टूटे हुए घर की जल्द मरम्मत वो खुद करवाएगा. अब उसके आये बिना उसके शाहिद होने की खबर पहुंच चुकी है. शहीद बिपुल के ग्रामीणों के साथ-साथ पूरे अलीपुरदुआर जिले में मातम छाया हुआ है.
Posted By : Samir ranjan.