कोलकाता.
कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश अजय कुमार गुप्ता ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि जब दुर्घटना के दिन चालक लाइसेंस अमान्य होता है, तो यह वाहन मालिक द्वारा बीमा अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन होगा, जिसने चालक को वैध लाइसेंस के बिना वाहन चलाने की अनुमति दी. न्यायालय वाहन दुर्घटना से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण, बर्दवान ने वाहन के मालिक के विरुद्ध एकपक्षीय रूप से कार्रवाई व जुर्माना लगाने की अनुमति दी थी. पक्षकारों की सुनवाई में न्यायालय ने पाया कि दावेदार यह साबित करने में सक्षम थे कि दुर्घटना चालक की लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाने के कारण हुई थी और यह स्वीकार किया जा सकता है कि दुर्घटना, दोषी वाहन के चालक की लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाने के कारण हुई थी. यह कहा गया कि बीमा पॉलिसी वैध थी, लेकिन संबंधित चालक का ड्राइविंग लाइसेंस दुर्घटना की तिथि पर अमान्य है. आरटीओ अधिकारी के साक्ष्य से यह पता चला कि ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में कोई नवीनीकरण नहीं किया गया.यह माना गया कि अपीलकर्ताओं का दावा है कि चालक ने लाइसेंस का नवीनीकरण किया, लेकिन अपीलकर्ताओं के तर्क को संतुष्ट करने के लिए न तो नवीनीकरण ड्राइविंग लाइसेंस और न ही कोई सहायक दस्तावेज न्यायाधिकरण या न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया.
तदनुसार, न्यायालय ने माना कि जब दुर्घटना की तिथि पर ड्राइविंग लाइसेंस वैध नहीं है, तो ऐसे वाहन के मालिक द्वारा वैध लाइसेंस के बिना वाहन चलाने की अनुमति देना बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन माना जाता है. इस प्रकार, न्यायालय ने अपील को खारिज कर दिया और न्यायाधिकरण के आदेश की पुष्टि की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है