ममता को पत्र लिखकर तृणमलू सांसद सरकार ने कहा : जब से आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व उसकी हत्या हुई है, मैं तब से खामोशी से पीड़ा-दर्द का सामना कर रहा हूं
संवाददाता, कोलकाता
तृणमूल कांग्रेस सांसद जवाहर सरकार ने रविवार को मुख्यमंत्री एवं पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा कि उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता और राजनीति छोड़ने का फैसला किया है. उन्होंने आरजी कर अस्पताल की जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म एवं हत्या के मामले में राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदम को ‘अपर्याप्त और काफी देर से उठाया गया’ बताया है.
उन्होंने मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर भी साझा किया है. पत्र में उन्होंने कहा है: मैं मुख्य रूप से आरजी कर अस्पताल में हुई जघन्य दुष्कर्म व हत्या की घटना के खिलाफ और इसको लेकर जारी जन आंदोलन को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के रवैये से मैं आहत हूं, इसलिए सांसद के पद से इस्तीफा दे रहा हूं. राजनीति छोड़ रहा हूं. पीड़िता को न्याय दिलाने व आम आदमी के संघर्ष में उनका साथ देने के लिए मैंने यह फैसला लिया है.
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी श्री सरकार ने अपनी पार्टी के नेताओं के एक वर्ग का भ्रष्टाचार में शामिल होना और उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं किया जाना भी उनके इस फैसले के प्रमुख कारणों में से एक बताया है.
साथ ही सरकार ने पत्र में कहा: आरजी कर अस्पताल में हुई भयावह घटना (प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या) के बाद एक महीने तक मैंने धैर्यपूर्वक पीड़ा सही और उम्मीद कर रहा था कि आप (ममता बनर्जी) अपनी पुरानी शैली में आंदोलनकारी जूनियर चिकित्सकों के साथ प्रत्यक्ष रूप से बात करेंगी. उनके साथ खड़ी रहेंगी, ऐसा नहीं हुआ और सरकार अब जो भी दंडात्मक कदम उठा रही है, वह बहुत अपर्याप्त और काफी देर से उठाये जा रहे हैं. मुझे लगता है कि अगर भ्रष्ट चिकित्सकों के समूह पर कार्रवाई की जाती और अनुचित प्रशासनिक कार्रवाई के दोषियों को निंदनीय घटना के तुरंत बाद दंडित किया जाता, तो राज्य में बहुत पहले ही सामान्य स्थिति बहाल हो गयी होती.
श्री सरकार ने मुख्यमंत्री बनर्जी को पत्र में लिखा है कि “मैं जल्द राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ को अपना इस्तीफा सौंपने दिल्ली जाऊंगा और राजनीति से भी खुद को पूरी तरह अलग कर लूंगा. आरजी कर अस्पताल में चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या के दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.” जवाहर सरकार ने तृणमूल के भी सभी पदों से न सिर्फ इस्तीफा देने की घोषणा की है, बल्कि उन्होंने इस बात का भी एलान कर दिया है कि अब वह राजनीति से भी पीछे हट रहे हैं. उन्होंने अपने पत्र में जहां एक तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीत तृणमूल सरकार का आभार व्यक्त किया. वहीं दूसरी तरफ एक और खुलासा किया. उन्होंने बताया कि वह पहले ही एक बार पार्टी को इस्तीफा सौंपने का मन बना चुके थे. सरकार ने बताया कि वर्ष 2022 में जब पार्टी के तत्कालीन शिक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और समाचारों में उनके खिलाफ सबूत साफ दिखाये जा रहे थे, उस समय भी मैंने बयान जारी कर कहा था कि पार्टी को भ्रष्टाचार से निबटने के लिए कदम उठाना चाहिए, लेकिन मुझे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने घेर लिया था. मैंने तब इस्तीफा नहीं दिया, क्योंकि मुझे उम्मीद थी कि आप (सीएम ममता बनर्जी) ‘कट मनी’ और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना सार्वजनिक अभियान जारी रखेंगी, जो आपने एक साल पहले शुरू किया था और मैं पार्टी में देश के लिए काम करने के लिए बना रहा.”
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