कोलकाता. चक्रवाती तूफान डाना के प्रभाव से कोलकाता में भी भारी बारिश की आशंका जतायी गयी है. इससे निबटने के लिए कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने भी कमर कस ली है. तैयारियों का जायजा लेने कि लिए मंगलवार को मेयर परिषद के सदस्य (ड्रेनेज विभाग) तारक सिंह ने डीजी सिविल इंजीनियरिंग, डीजी इलेक्ट्रिक, पार्क एंड स्क्वायर और डीजी ड्रेनेज के साथ बैठक की. श्री सिंह ने बताया कि तूफान से निबटने के लिए निगम तैयार है. 23 से 25 अक्टूबर तक सभी विभागों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है. सभी 16 बोरो के लिए 16 टीमों का गठन किया गया है. प्रत्येक टीम में उक्त विभाग के इंजीनियर को शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि महानगर में कोलकाता पुलिस के साथ मिलकर निगम राहत व बचाव कार्य करेगा. तारक सिंह ने बताया कि जल निकासी के लिए 600 से अधिक पोर्टेबल पंपों की व्यवस्था की गयी है. यदि कोलकाता में एक घंटे में 100 मिली मीटर से अधिक बारिश होती है, तो महानगर की सड़कों पर पानी जम जायेगा. हालांकि, नदी में भाटा आते ही लॉक गेट खोल दिया जायेगा. महानगर में आठ घंटे से अधिक देर तक जलजमाव नहीं रहेगा. मेयर परिषद के सदस्य (पार्क एंड स्क्वायर) देवाशीष कुमार ने बताया कि काली पूजा और तूफान को ध्यान में रखते हुए पेड़ों की ट्रीमिंग करायी जा रही है. चक्रवात की वजह से महानगर में पेड़ गिर सकते हैं. इसलिए पेड़ काटने वाली टीम को भी तैनात रखा जायेगा. निगम में बुधवार से कंट्रोल रूम भी खोला जायेगा.
अति जर्जर इमारतों में रहने वालों किया जा रहा सतर्क निगम के बिल्डिंग विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता में करीब 25 अति जर्जर इमारतें हैं. ऐसी इमारतों में रहने वाले लोगों को सतर्क किया जा रहा है. क्योंकि आंधी-बारिश के दौरान उक्त इमारतों के गिरने का खतरा है. इसलिए इन लोगों को नजदीकी स्कूल में रखने की व्यवस्था भी की जा रही है.
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