झील की साफ-सफाई नहीं होने से प्रवासी पक्षियों की संख्या हो रही कमीहावड़ा. राज्य और रेलवे के बीच टकराव के कारण सांतरागाछी झील में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. यही कारण है कि हर साल यहां प्रवासी पक्षियों की संख्या घटती जा रही है. अभी भी इस झील की समस्या का निदान नहीं हुआ है. मामला लंबे समय से कोर्ट में विचाराधीन है. हालांकि बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने इसकी साफ-सफाई के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की है. गंदा पानी झील में नहीं गिरे, इसके लिए लगभग 28.82 करोड़ रुपये की लागत से आउटलेट बनाया जायेगा. जल्द ही एक बार फिर से राज्य और रेलवे के बीच इस मुद्दे पर बैठक होगी.
पर्यावरणविद् और याचिकाकर्ता सुभाष दत्ता ने कहा कि झील में इतनी गंदगी होने के बावजूद ये पक्षी यहां आ रहे हैं. निश्चित तौर पर इस झील में कुछ खासियत है, लेकिन राज्य सरकार और रेलवे, अगर इस समस्या का समाधान नहीं करती है, तो आने वाले वर्षों में ये पक्षी यहां नहीं आयेंगे. मालूम रहे कि यह झील दक्षिण पूर्व रेलवे के अधीन सांतरागाछी स्टेशन के पास है. इस झील में फुलवस व्हिसलिंग-डक, स्विन्हो स्निप, फेरुजिनस पोचार्ड, कॉम्ब डक, गैडवॉल, गार्गनी, नॉर्दर्न पिनटेल, नॉर्दर्न शॉवेलर्स, कॉमन मूरहेन, कॉटन पिग्मी सहित अन्य विदेशी पक्षी पहुंचते हैं.
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