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नवंबर तक करीब 370 नियमित ट्रेनों में जुड़ेंगे 1000 से अधिक कोच

रेल यात्रा के प्रति आमजनों की लगातार बढ़ती रुचि और आकर्षण के मद्देनजर रेलवे भी तदनुरूप सुविधाओं के विस्तार को गति दे रहा है.

बीते तीन माह में ही भारतीय रेल ने हासिल की यह महत्वपूर्ण उपलब्धि

नयी दिल्ली/कोलकाता

रेल यात्रा के प्रति आमजनों की लगातार बढ़ती रुचि और आकर्षण के मद्देनजर रेलवे भी तदनुरूप सुविधाओं के विस्तार को गति दे रहा है. इस क्रम में रेलवे ने बीते तीन माह में ही विभिन्न ट्रेनों में सामान्य श्रेणी (जीएस) के करीब 600 नये अतिरिक्त कोच जोड़े हैं. ये सभी कोच नियमित ट्रेनों में जोड़े गये हैं. इतना ही नहीं, चालू नवंबर माह के अंत तक जीएस श्रेणी के ऐसे एक हजार से ज्यादा कोच करीब 370 नियमित ट्रेनों में जोड़ दिये जाायेंगे. एक अनुमान के मुताबिक, रेलवे के बेड़े में इन नये जीएस कोचों के जुड़ने से रोजाना करीब एक लाख यात्री लाभान्वित होंगे. इनके अलावा आगामी दो वर्षों में बड़ी संख्या में नन एसी श्रेणी के कोचों को रेलवे के बेड़े में शामिल करने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है.

रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (सूचना व प्रचार) दिलीप कुमार ने बताया कि सामान्य श्रेणी के यात्री रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं. इस श्रेणी के यात्रियों को अधिकतम सुविधा मुहैया कराने की दिशा में रेलवे विभिन्न दिशाओं में कार्य कर रहा है. इसके तहत बीते जुलाई से अक्तूबर के तीन माह के दौरान जीएस श्रेणी के कुल 1000 नये कोचों को ट्रेनों में जोड़ा जायेगा. साथ ही इन नवनिर्मित कोचोंं को 370 नियमित ट्रेनों में जोड़ा गया है. कार्यकारी निदेशक ने बताया कि सामान्य श्रेणी के यात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर नये जीएस कोचों का निर्माण तेजी से चल रहा है. उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में रेलवे के बेड़े में ऐसे गैर-वातानुकूलित सामान्य श्रेणी के 10 हजार से ज्यादा जीएस कोचों को शामिल कर लिया जायेगा. इनमें छह हजार से ज्यादा जीएस कोच होंगे, जबकि बाकी डिब्बे स्लीपर श्रेणी के होंगे.

इतनी बड़ी संख्या में नन एसी कोचों के शामिल होने से सामान्य श्रेणी के करीब आठ लाख अतिरिक्त यात्री रोजाना रेल यात्रा कर पायेंगे. जीएस श्रेणी के ये नवनिर्मित तमाम कोच एलएचबी के होंगे. ये सफर को आरामदायक और सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ सुरक्षित और द्रुत बनाने में भी मदद करेगी. पारंपरिक आईसीएफ रेल डिब्बों के मुकाबले ये नये एलएचबी कोच अपेक्षाकृत हल्के और मजबूत हैं. हादसे की स्थिति में इन कोचों में नुकसान भी कम से कम होगा.

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