केएमसी ने जारी की सूची. 30 फीसदी इमारत हाई रिस्क जोन मेंसंवाददाता, कोलकाता
महनगर में खतरनाक यानी जर्जर व अति जर्जर इमारतों को चिह्नित कर उनकी एक सूची जारी की गयी है. कोलकाता नगर निगम के बिल्डिंग विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, महानगर में जर्जर एवं अति जर्जर इमारतों की कुल संख्या करीब 3046 है. इनमें 30 फीसदी इमारत हाइ रिस्क जोन में है. वहीं, करीब 10 फीसदी इमारत सीवियर रिस्क जोन में है.निगम की ओर से बताया गया है महानगर में 2500 घरों को खतरनाक (जर्जर) के रूप में चिह्नित किया गया है. वहीं, 100 से अधिक घरों की पहचान बेहद खतरनाक के रूप में की गयी है. ऐसी इमरातों की संख्या उत्तर एवं मध्य कोलकाता में अधिक है. बताया गया है कि उत्तर और मध्य कलकत्ता में 2,000 से अधिक इमारत खतरनाक यानी जर्जर स्थिति में हैं. उत्तर कोलकाता के बोरो चार और पांच में सबसे अधिक खतरनाक इमारतें हैं. निगम की ओर से यह भी बताया गया है कि बार-बार नोटिस देने के बावजूद इन इमारतों में रहने वाले हट नहीं रहे हैं. बता दें कि इन इमारतों में रहने वाले लोग अपने घरों को खोने के डर से दूसरी जगह जाने को तैयार नहीं हैं. बताया गया है कि हर वार्ड में खतरनाक इमारतों के निवासियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था है. इसके बाद भी लोग हटने को तैयार नहीं है.
इंटाली : कारखाने के क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़ने का कार्य शुरू
कोलकाता. इंटाली थाना अंतर्गत 23 नंबर कॉन्वेंट रोड इलाके में स्थित एक परित्यक्त फैक्ट्री की छत गिरने से दो लोगों की मौत हो गयी थी. यह घटना रविवार रात की है. इस संबंध में मेयर ने सोमवार को बताया कि निगम के रिकॉर्ड से पता चला है कि उक्त इमारत में पहले एक रासायनिक कारखाना था,जो पिछले 30 वर्षों से बंद है. निगम की ओर कारखाने के अति जर्जर हिस्से को तोड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया है. साथ ही जर्जर इमारत का टैग भी चस्पा दिया गया है. मेयर ने बताया कि यह भी पता चला है कि फैक्ट्री को किसी प्रमोटर ने खरीद लिया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है