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गंगासागर में कटाव की समस्या का होगा स्थायी हल!

दक्षिण 24 परगना में गंगासागर मेला के आयोजन में अब डेढ़ वर्ष का समय बचा है. लेकिन समुद्र तट पर लगातार कटाव की वजह से सागरद्वीप में स्थित कपिल मुनि आश्रम पर संकट के बादल देखने को मिल रहे हैं.

कटाव रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से बनाया गया 267 करोड़ रुपये का प्रोजेक्टसंवाददाता, कोलकातादक्षिण 24 परगना में गंगासागर मेला के आयोजन में अब डेढ़ वर्ष का समय बचा है. लेकिन समुद्र तट पर लगातार कटाव की वजह से सागरद्वीप में स्थित कपिल मुनि आश्रम पर संकट के बादल देखने को मिल रहे हैं. गंगासागर में समुद्र का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और पिछले डेढ़ दशक में समुद्र करीब 150 मीटर अंदर प्रवेश कर गया है. स्थिति के बिगड़ने से चिंतित ममता बनर्जी सरकार, राज्य के सबसे अधिक देखे जाने वाले तीर्थ स्थलों में से एक को बचाने के लिए स्थायी समाधान तलाश रही है.

अस्थायी समाधान के प्रयास रहे विफल

राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष मानसून व गंगासागर मेला से ठीक पहले समुद्र तट पर नियमित सुरक्षात्मक उपाय किये गये है. लेकिन इन अस्थायी प्रयासों का कोई असर नहीं दिख रहा है. समुद्र तट पर लगातार कटाव ने तट रेखा को कपिल मुनि मंदिर के बहुत करीब ला दिया है. समुद्र तट से कपिल मुनि मंदिर की दूरी घट कर मात्र 450 मीटर ही रह गयी है. राज्य सरकार ने पिछले साल 16 करोड़ की लागत से टेट्रापोड-आधारित संरक्षण जैसे अस्थायी समाधान निकालने की कोशिश की थी, लेकिन विफल रहे.

स्थायी समाधान के लिए आइआइटी मद्रास की ली जा रही है मदद

राज्य सरकार ने कटाव से निबटने के लिए 267 करोड़ रुपये की लागत से आइआइटी, मद्रास की सिफारिशों पर एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है. लेकिन केंद्र सरकार से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलने के कारण राज्य सरकार अपने संसाधनों का उपयोग कर काम शुरू करने पर विचार कर रही है. इस बीच ममता बनर्जी सरकार ने तकनीकी सलाह के लिए नीदरलैंड सरकार को भी पत्र लिखा है. सूत्रों ने दावा किया है कि विश्व बैंक ने इस मुद्दे को हल करने की इच्छा जाहिर की है.

क्या कहना है राज्य के सिंचाई मंत्री का

इस संबंध में राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने वित्तीय सहायता की कमी के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए केंद्रीय सहायता की आवश्यकता है, लेकिन केंद्र सरकार राज्य के आवेदनों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने कभी भी कटाव नियंत्रण परियोजनाओं के लिए धन आवंटित करने की इच्छा नहीं दिखायी है. सिंचाई मंत्री ने राज्य सिंचाई विभाग के वरिष्ठ इंजीनियरों से नयी सहायता के लिए आइआइटी, मद्रास से बात करने के साथ-साथ राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान और कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट से एक स्थायी समाधान तैयार करने के लिए कहा है. मंत्री ने कहा कि हमें जल्द ही एक स्थायी समाधान मिलने की उम्मीद है.

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