कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने अब जूनियर डॉक्टरों के एनजीओ के बैंक खाते में जमा राशि को लेकर सवाल उठाया है. शनिवार को उन्होंने सोशल मीडिया के मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करके दावा किया है (जिसकी सत्यता की पुष्टि प्रभात खबर नहीं करता है) कि वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के बैंक खाते में 16 अक्तूबर तक 1.7 करोड़ रुपये की राशि जमा हुई है. उन्होंने सवाल उठाया है कि बैंक खाते में जमा राशि का स्रोत क्या है? तृणमूल नेता ने इसकी जांच करने की मांग की है. श्री घोष ने अपने पोस्ट में लिखा है : वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट एक एनजीओ के रूप रजिस्टर्ड है. संगठन का बैंक खाता एक निजी बैंक में खोला गया है. उक्त खाते में 16 अक्तूबर तक 1.7 करोड़ रुपये की राशि जमा हुई है. यह दावा किया जा रहा है कि इस राशि का उपयोग रक्तदान, स्वास्थ्य सेवा व अन्य मेडिकल कैंपों में किया जायेगा. मुख्य सवाल यह है कि यह रुपये किसने दिये हैं? आखिर कौन है, जो यह चाहता है कि आंदोलन के नाम पर सरकारी अस्पतालों की परिसेवा प्रभावित हो? इससे किसे लाभ मिलेगा? उक्त एनजीओ के पता के रूप में आरजी कर अस्पताल के केबी हॉस्टल के रूम-32 का उल्लेख है. सरकारी अनुमति के बगैर कैसे एक सरकारी अस्पताल के हॉस्टल के एक रूम को किसी एनजीओ को ठिकाने के रूप में उल्लेख किया जा सकता है? इस मामले की पूर्ण जांच जरूरी है.
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