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जेयू में फिर रैगिंग, बढ़ा तनाव कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की मांग

यूनिवर्सिटी के आसपास की विभिन्न इमारतों में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है.

कोलकाता. जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) में शुक्रवार को फिर से रैगिंग की एक घटना सामने आने के बाद से वहां तनाव की स्थिति बनी हुई है. यूनिवर्सिटी के आसपास की विभिन्न इमारतों में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है. विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि हाल ही में राज्य सरकार ने मुख्य छात्रावास के नवीनीकरण के लिए साढ़े पांच करोड़ रुपये दिये हैं. हालांकि जेयू में बुनियादी ढांचे का विकास एक बड़ी समस्या है. घटना के बाद से मेन गेट पर सीसीटीवी कैमरे की संख्या बढ़ाने के साथ ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा गार्ड को चौकन्ना कर दिया गया है. कुछ लोगों का आरोप है कि शिक्षकों के एक वर्ग की चेतावनियों, आपत्तियों और चिंताओं के बावजूद, नियमों का उल्लंघन करके जादवपुर विश्वविद्यालय के परिसर के अंदर कुछ मुक्त क्षेत्र विकसित हो रहे हैं, जहां रात में शरारती तत्व बैठकर अड्डा करते हैं. नशा करते हैं. इस पर अंकुश लगाने की अपील की गयी है. जादवपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (जेयूटीए) के सदस्यों का कहना है कि वे पूजा की छुट्टियों के बाद अधिकारियों को इन मुद्दों के बारे में सचेत करना चाहते हैं. पूजा की छुट्टी से पहले कैंपस के गेट नंबर चार के सामने और फेत्सु के यूनियन-रूम में कंपैरेटिव लिटरेचर के प्रथम वर्ष के छात्र की पिटायी की गयी. जादवपुर कैंपस के शाम के माहौल को लेकर शिकायतें मिलने के बाद हमने मामले को विश्वविद्यालय अधिकारियों के संज्ञान में ला दिया है. शीघ्र कड़ा कदम नहीं उठाया गया, तो बड़ा हादसा फिर हो सकता है. इस तरह के संकेत मिल रहे हैं. कुछ शिक्षकों का कहना है कि गत माह नैक के निरीक्षण से पहले ही कक्षाओं की स्थिति विश्वविद्यालय प्रशासन के संज्ञान में आ गयी थी. शिकायत मिली है कि जादवपुर के आशीर्वाद कैंटीन के समीप स्थित खेल का मैदान शाम के अंधेरे में नशेड़ियों का अखाड़ा बन जाता है. अब इस पर शीघ्र अंकुश लगाने की व्यवस्था पर जोर दिया गया है. जादवपुर में इस अराजक स्थिति के लिए ढांचागत कमियों से को काराण बताया है. आरोप है कि खेल के मैदान में अंधेरे का फायदा उठाकर कुछ लोग वहां शराब या ड्रग्स का सेवन करते हैं. ऐसे में शिक्षकों ने वहां रोशनी या ज्यादा लाइटिंग की व्यवस्था करने की मांग की है. जादवपुर यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी ने आरोप लगाया कि ओपन एयर थिएटर (ओएटी) परिसर, दर्शन भवन, नजरुल भवन के पीछे, एनालिटिकल केमिस्ट्री बिल्डिंग के कुछ कोने में रात में नशेड़ी धुत रहते हैं. यहां तक कि मिलंदर कैंटीन के सामने सुवर्णा जयंती भवन की सीढ़ियां व जादवपुर की झील के किनारे भी रात में माहौल ठीक नहीं रहता है. सुरक्षा गार्डों को रात आठ बजे के बाद परिसर में बाहरी लोगों की आवाजाही पर नियंत्रण रखने को कहा गया है, लेकिन इस पर अमल नहीं किया जा रहा है.

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