Tarakeshwar Mandir : पश्चिम बंगाल में तारकेश्वर मंदिर अधिकारियों ने तारकेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के नियमों में बदलाव की घोषणा की है. श्रावण माह की तरह अब से हर पूर्णिमा पर श्रद्धालु मंदिर के गर्भगृह में प्रवेशकर जल नहीं चढ़ा सकेंगे। पानी बाहर से चोंगा के माध्यम से डालना पड़ेगा. यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने इस नियम में बदलाव किया है.
कई तीर्थयात्री गंगा जल लेकर तारकेश्वर तक चलते हैं पैदल
यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने इस नियम में बदलाव किया है. प्रत्येक पूर्णिमा को भक्तों की संख्या में वृद्धि हुई है. इस दिन, कई तीर्थयात्री गंगा जल शेवड़ाफुली से लेकर तारकेश्वर तक पैदल चलते हैं. भीड़ को संभालने के लिए प्रभारी कर्मचारियों को मशक्कत करनी पड़ती है. मंदिर के अधिकारियों ने यह फैसला इस बात को ध्यान में रखते हुए लिया है कि हर भक्त ठीक से जल चढ़ाए.
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पूर्णिमा के दिन बाहर से ही चोंगा में डालना होगा जल
तारकेश्वर मंदिर के प्रमुख सुरेश्वर आश्रम महंत महाराज ने कहा कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फिलहाल प्रत्येक पूर्णिमा पर तीर्थयात्रियों को चोंगा के माध्यम से जलाभिषेक की व्यवस्था की गई है. पूर्णिमा के दिन भक्तों को मंदिर के गर्भगृह में जल डालने की बजाय बाहर से ही चोंगा में जल डालना होगा.