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महानगर के तीन बाजारों में टास्क फोर्स की टीम का छापा

टास्क फोर्स की भूमिका पर भी सवाल उठ रहा है. ऐसे में मंगलवार को कोलकाता के कई बाजारों में टास्क फोर्स ने छापेमारी की.

कोलकाता. महानगर में ठंड दस्तक दे चुकी है. इसके बाद भी सब्जियों का बाजार गर्म है. मूल्यवृद्धि के कारण हरी सब्जियों की कीमत आसमान छू रही है. प्याज ही नहीं, आलू के दाम भी बढ़ रहे हैं. थोक और खुदरा बाजार में सब्जियों की कीमत में अंतर दिख रहा है, जिससे आमलोगों में नाराजगी है. टास्क फोर्स की भूमिका पर भी सवाल उठ रहा है. ऐसे में मंगलवार को कोलकाता के कई बाजारों में टास्क फोर्स ने छापेमारी की. रवींद्रनाथ कोले के नेतृत्व में टास्क फोर्स की टीम ने मंगलवार को शहर के तीन बाजारों मानिकतला, बागमारी और गुरुदास मार्केट का जायजा लिया. कहीं प्याज 70 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, तो कहीं 75 रुपये. आलू की कीमत 35 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम है. अन्य सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. हालांकि, कोले मार्केट जैसे थोक बाजारों में प्याज की कीमत 50 से 55 रुपये प्रति किलो है. कीमतों में अंतर के संबंध में रवींद्रनाथ कोले ने बताया कि खबर मिली है कि सोमवार को कोले बाजार में प्याज 1600 रुपये प्रति बोरी की दर से आया. लेकिन मानिकतला के व्यापारी 2700 रुपये प्रति बोरी की दर से प्याज खरीद रहे हैं. इस कारण ही अलग-अलग बाजारों में कीमतें भी अलग-अलग हैं. टास्क फोर्स के सदस्यों का कहना है कि आगामी तीन से चार दिनों में कीमतें नियंत्रण में आ जायेंगी. प्याज और आलू के भाव भी घटेंगे. अभी कई बाजारों में नया आलू नहीं आया है. व्यापारी 30-32 रुपये प्रति किलो की दर से आलू खरीद रहे हैं. लेकिन आगामी कुछ दिनों में यह तस्वीर बदल जायेगी. कोले का मानना है कि कुछ दिनों के भीतर ही हरी सब्जियों की कीमतें भी कम हो जायेंगी. सर्दियों की फसलें अभी तक बाजार में नहीं आयी हैं. तीन-चार दिनों में लगभग सभी मंडियों में ठंड की फसलें आ जायेंगी. बता दें कि राज्य को प्याज की आपूर्ति मुख्य रूप से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के नासिक से होती है. कृषि विपणन विभाग के सूत्रों के अनुसार, सितंबर में अत्यधिक बारिश के कारण महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में काफी प्याज नष्ट हो गया है. इससे खुदरा बाजार में प्याज की कीमत बढ़ गयी है. हालांकि, व्यापारियों के मुताबिक, पूजा के दौरान कीमत बढ़ती है. लेकिन बाद में कम हो जाती है. नासिक से प्याज आना शुरू हो गया. लेकिन इस साल अब तक प्याज की कीमतों में कमी उस तरह से नहीं देखी जा रही है. इस बार आयात कम होने के कारण दाम बढ़ गया है.

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