गत शनिवार को भी इस मसले को लेकर तृणमूल महिला कांग्रेस की ओर से राज्यभर में रैलियां निकालीं गयी थीं
राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस की ओर से बिल को राष्ट्रपति को सौंपे जाने के बावजूद अभी तक यह कानून नहीं बन पाया है
संवाददाता, कोलकातामहिलाओं पर होने वालीं आपराधिक घटनाओं के दोषियों के जल्द सजा सुनिश्चित करने व महिलाओं की सुरक्षा के तहत राज्य के विधानसभा में ””अपराजिता महिला व बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक”” पहले ही पास हो गया है. राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस द्वारा बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपे जाने के बावजूद अभी तक यह कानून नहीं बन पाया है. अपराजिता विधेयक को कानून बनाने की मांग पर रविवार को भी पूरे राज्य में ब्लॉक स्तर पर तृणमूल उसके महिला संगठन तृणमूल महिला कांग्रेस की ओर से धरना-प्रदर्शन किया गया. गत शनिवार को भी इस मसले को लेकर तृणमूल महिला कांग्रेस की ओर से राज्यभर में रैलियां निकालीं गयी थीं. रविवार को उत्तर कोलकाता के श्यामपुकुर विधानसभा क्षेत्र के श्यामबाजार इलाके में धरना प्रदर्शन का नेतृत्व उद्योग मंत्री डॉ शशि पांजा ने किया, जबकि दक्षिण कोलकाता के हाजरा मोड़ के पास धरना-प्रदर्शन की कमान तृणमूल महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष चंद्रिमा भट्टाचार्य ने संभाला था. श्रीमती भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि महिलाओं की सुरक्षा के कानून को लेकर केंद्र सरकार द्वारा ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे हैं. यही वजह है कि तृणमूल सड़क पर उतरने को मजबूर हुई है. गौरतलब है कि विधानसभा में सितंबर में ‘अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक’ सर्वसम्मति से पारित हुए था. इस विधेयक पर अभी तक राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर नहीं किया है. यानी उनके हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून बन जायेगा. इस कानून के तहत दुष्कर्म और हत्या के मामलों में या दुष्कर्म के ऐसे मामलों में जहां पीड़िता को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है, दोषी को मौत की सजा का प्रावधान है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है