छिटपुट हिंसा की घटनाओं के बीच बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव संपन्न हुआ. इस दिन नैहाटी और हाड़ोवा विधानसभा के कुछ इलाकों में छिटपुट अशांति की घटनाएं हुईं. नैहाटी में बूथ नंबर 63 में भाजपा ने आरोप लगाया कि उनके एजेंटों को बाधा दी गयी. 79 नंबर बूथ इलाके में भाजपा के झंडे फाड़ दिये गये. वहीं, तृणमूल प्रत्याशी सनत दे ने आरोप लगाया कि उन्हें एक बूथ में प्रवेश करने के दौरान केंद्रीय बल के जवानों ने रोक दिया था, जबकि बाद में उन्हें जाने दिया गया. बैरकपुर. इसी तरह से हाड़ोवा विधानसभा के मानिकपुर इलाके में कांकड़ा मिर्जानगर रेलगेट संलग्न इलाके में आइएसएफ के एक पोलिंग एजेंट बूथ से बाहर चाय पीने गये थे, आरोप है कि चाय पीकर बूथ में प्रवेश करने जाते समय तृणमूल के कुछ समर्थकों ने रोका और मारा-पीटा गया. हालांकि तृणमूल ने आरोप को खारिज किया है. इसी तरह से देगंगा में आइएसएफ के 11 एजेंटों को बूथ पर बैठने नहीं दिया गया. पात्रा रेल गेट के पास ही उन्हें रोक दिया गया. इसके बाद आइएसएफ नेता तापस बंद्योपाध्याय पहुंचे और बारासात पुलिस जिला की पुलिस अधीक्षक को शिकायत की, जिसके बाद कदमगाछी फाड़ी और सासन थाने की पुलिस की मदद से उन लोगों को बूथों में प्रवेश कराया गया. इधर, सासन में एक मतदान केंद्र के बाहर की दीवार पर ही तृणमूल की ओर से दीवार लेखन किया गया था, जिसे चुनाव आयोग की ओर से तत्परता दिखाते हुए उस पर चूना पोता गया. हाड़ोवा में एक केंद्र पर खिड़की के पास इवीएम मशीन लगाने को लेकर भाजपा ने विरोध किया. तृणमूल और भाजपा के समर्थकों के बीच काफी देर तक तनाव देखा गया. उधर, हाड़ोवा विधानसभा उपचुनाव के तहत 279 बूथों पर मतदान हुआ, जिमसें कुछ बूथों को छोड़ कर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हुआ. वाम समर्थित आइएसएफ प्रत्याशी पियारुल इस्लाम ने चुनाव आयोग को लिखित शिकायत किया है कि उनका एक कार्यकर्ता लापता है. आइएसएफ के एजेंटों को बूथों में प्रवेश करने से रोका गया. हाड़ोवा में आइएसएफ ने 37 बूथों पर पुनर्मतदान की मांग की है. हाड़ोवा में शाम छह बजे तक 77 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ, जबकि नैहाटी में 62 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ.
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