कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर संविधान की अवहेलना करने का आरोप लगाया है. राजभवन के साथ किसी भी तरह की सूचना साझा नहीं करने को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि मुख्यमंत्री का आचरण अलोकतांत्रिक है और इससे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई कमजोर पड़ रही है. उन्होंने एक ट्वीट किया है. इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखी अपनी चिट्ठी साझा की है. इस चिट्ठी के जरिये राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल सरकार पर राशन घोटाला करने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि सरकार के इस नकारात्मक रवैये की वजह से महामारी के समय राज्य के लोग पीड़ित हैं और स्थिति गंभीर होती जा रही है. राज्यपाल ने लिखा है कि ऐसे समय में जब सबको मिल-जुल कर आपदा से मुकाबला करने की जरूरत है.
श्री धनखड़ ने कहा कि राज्य सरकार के साथ मेरी न्यूनतम बातचीत भी नहीं हुई है. स्थिति अति गंभीर है और बार-बार कहने के बावजूद ममता बनर्जी अपना संवैधानिक दायित्व नहीं निभाती हैं. श्री धनखड़ ने याद दिलाया है कि ममता ने 22 मार्च को दावा किया था कि केंद्र सरकार उन्हें पर्याप्त जांच किट उपलब्ध नहीं कराती है, लेकिन उसके बाद जब श्री धनखड़ ने खुद केंद्र सरकार से संपर्क साधा तो पता चला कि सीएम झूठ बोल रही थी और बंगाल में पर्याप्त संख्या में जांच किट थे. इसी तरह से राशन वितरण प्रणाली का राजनीतिक अपहरण हो चुका है.
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अपनी चिट्ठी में राज्यपाल ने लिखा है कि 23 मार्च को ही केंद्रीय वित्त मंत्री ने 3 महीने के लिए निशुल्क राशन की घोषणा कर दी थी. उसके बाद वह केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान के संपर्क में थे और पता चला कि पश्चिम बंगाल सरकार लोगों को केंद्र की ओर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिलने वाले राशन नहीं ले रही थी जबकि एफसीआइ के गोदाम में राशन पड़े हुए थे. यह भयावह स्थिति है.
उन्होंने कहा है कि हाल की कुछ घटनाओं में इस बात की जानकारी मिली है कि पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों की चूक की वजह से राशन वितरण में कालाबाजारी और मुनाफाखोरी हुई है.यह एक बड़ा घोटाला है. अपनी चिट्ठी में धनखड़ ने स्पष्ट किया है कि ममता बनर्जी को समय निकालकर उनसे मुलाकात करनी चाहिए और राज्य सरकार की तैयारियों से अवगत कराना चाहिए. उन्होंने कहा है कि आपदा के इस समय में ममता बनर्जी का यह अहंकार पूर्ण बर्ताव स्वीकार्य नहीं होगा.