पश्चिम बंगाल के बहरमपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर यूसुफ पठान को लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारकर सबको चौंका दिया है.
यूसुफ पठान की राजनीति में एंट्री तृणमूल कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक
राजनीतिक विशेषज्ञ तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के इस कदम को मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देख रहे हैं. बता दें कि अधीर रंजन चौधरी बहरमपुर से लगातार पांच बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. वर्ष 2014 में जब कांग्रेस बुरी तरह से पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में पराजित हुई थी, तब भी अधीर रंजन ने बहरमपुर संसदीय सीट से तीन लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.
ममता ने शुभेंदु अधिकारी को सौंपी थी अधीर को हराने की जिम्मेदारी
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मुर्शिदाबाद में अधीर रंजन चौधरी को हराने के लिए ममता बनर्जी ने अपने तत्कालीन सेनापति शुभेंदु अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी थी. सारी ताकत झोंक देने के बाद भी अधीर रंजन चौधरी को हराने में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) नाकाम ही रही. हालांकि, इस बार अधीर रंजन की जीत का अंतर बहुत कम रह गया. तीन लाख से अधिक वोटों से जीतने वाले अधीर इस बार 90 हजार वोटों से ही जीत पाए थे.
यूसुफ को टिकट मिलने पर बोले अधीर- अच्छा है, मैं भी मशहूर हो जाऊंगा
पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को बहरमपुर संसदीय सीट से टिकट दिये जाने पर अधीर रंजन चौधरी ने व्यंग्य किया है. उन्होंने कहा है कि यह अच्छा है. मैं भी मशहूर हो जाऊंगा, क्योंकि यूसुफ पठान को टिकट दिये जाने से बहरमपुर सीट पर देशभर की नजर रहेगी.
श्रीलंका प्रीमियर लीग छोड़कर कोलकाता पहुंचे यूसुफ पठान
बता दें कि यूसुफ पठान अभी श्रीलंका प्रीमियर लीग में खेल रहे हैं. वह शनिवार रात कोलंबो से मुंबई आये और रविवार सुबह कोलकाता पहुंचे. रविवार को ब्रिगेड सभा में पहली बार ममता बनर्जी एवं अभिषेक बनर्जी ने यूसुफ पठान से बात की.
बंगाल के मशहूर क्रिकेटर की पत्नी को टिकट देना चाहतीं थीं ममता
हालांकि, बंगाल में यूसुफ पठान को टिकट दिये जाने के पीछे एक और कहानी है. सूत्रों की मानें, तो तृणमूल कांग्रेस बंगाल के एक लोकप्रिय पूर्व क्रिकेटर की पत्नी को मैदान में उतारना चाहती थी. लेकिन, वह इसके लिए तैयार नहीं हुए. तब जाकर यूसुफ पठान के नाम पर मुहर लगी.