WB Assembly : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने आज विधानसभा में भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में भारत-भूटान नदी आयोग के गठन की मांग की. उन्होंने कहा कि अपने राज्य में भूमि कटाव नियंत्रण और बाढ़ की रोकथाम से संबंधित एक प्रस्ताव पर यह बात कही. मुख्यमंत्री ने बंगाल के दो जिलों और बिहार के कुछ जिलों को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने तथा उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर का हिस्सा बनाने संबंधी भाजपा के कुछ नेताओं की मांगों पर भी आपत्ति जताई.उन्होंने कहा कि बंगाल को विभाजित करने का कोई भी साहस नहीं कर सकता.
तीस्ता जल वितरण समझौते पर भाजपा सरकार ने लिया एकतरफा निर्णय
तीस्ता जल वितरण समझौते पर भाजपा सरकार ने एकतरफा निर्णय लिया है.लेकिन केन्द्र सरकार ने मुझे पूरी बात रखने का मौका नहीं दिया. झारखंड, बिहार में बाढ़ आती है तो बंगाल में नदी के तट टूट जाते हैं. मुख्यमंत्री ने इस मामले को भी विधानसभा में उठाया. मैं बंगाल के हित में फैसला लूंगी क्योंकि यहां की जनता ने मुझे चुना है. केंद्र अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए अग्रिम समझौते कर रही है.
2005 से अब तक 3373 हेक्टेयर भूमि नदी में समा चुकी : सीएम
मालदा में हर साल कटाव होता है जब झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश में बाढ़ आती है. 2005 से अब तक 3373 हेक्टेयर भूमि नदी में समा चुकी है. 1996 में बांग्लादेश के साथ समझौते के दौरान केंद्र ने ज्योति बसु से बात की थी. अब बंगाल को पूरी तरह से इन विषयों से बाहर कर दिया गया है. यह बात काफी अपमानजनक है.
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सुंदरवन मास्टर प्लान
विधानसभा में ममता बनर्जी ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में सुंदरवन मास्टर प्लान की जानकारी दी गई है. उन्होंने कहा, घाटाल मास्टरप्लान अभी भी लंबित है. मैंने 700 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. इसमें घाटाल और हुगली के लोगों को सहुलियत मिलेगी. इसके अलावा, मैंने बैठक में सुंदरवन मास्टर प्लान का भी उल्लेख किया है. मुरीगंगा पर पुल बनाया जाएगा.
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