पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के रानीनगर-2 पंचायत समिति की स्थायी समिति का चुनाव 27 सितंबर को होगा. राज्य सरकार ने मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में यह बात कही. जस्टिस अमृता सिन्हा ने आदेश दिया है कि पंचायत समिति के जिन 6 कांग्रेस सदस्यों के खिलाफ एफआईआर है, उनके खिलाफ उस दिन तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा सकेगी. हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार पंचायत समिति के निर्वाचित अध्यक्ष कुद्दूस अली को जेल से बाहर लाकर मतदान की व्यवस्था करायी जाये. मतदान दिवस पर पर्याप्त पुलिस की व्यवस्था की जाये.
न्यायमूर्ति सिन्हा ने शुक्रवार को राज्य की राय मांगी कि मुर्शिदाबाद की रानीनगर-2 पंचायत समिति की स्थायी समिति का चुनाव कब कराया जा सकता है. उन्होंने कहा राज्य को मंगलवार (19 सितंबर) तक बताना चाहिए कि नए चुनाव कब होंगे. उस समय सीमा के अनुसार, राज्य द्वारा स्थायी संघ के चुनाव के लिए परिवर्तित कार्यक्रम की घोषणा की गई थी. 11 सितंबर को न्यायमूर्ति सिन्हा ने रानीनगर-द्वितीय ब्लॉक की पंचायत समिति की स्थायी समिति के गठन पर अंतरिम रोक लगा दी थी. नतीजा यह हुआ कि अध्यक्ष निर्वाचित होने के बावजूद स्थायी समिति के चुनाव का काम वहीं रुक गया. हाई कोर्ट ने डोमकल सब डिविजनल शासक से कहा कि स्थायी समिति के गठन के लिए बैठक 20 सितंबर तक नहीं हो सकती. शुक्रवार की सुनवाई में जस्टिस सिन्हा ने इस मामले पर राज्य की राय जाननी चाही थी.
कोर्ट ने कहा कि 20 सितंबर तक पंचायत समिति के बोर्ड का गठन नहीं किया जा सकता. कलकत्ता हाईकोर्ट की जज अमृता सिन्हा ने ऐसा आदेश दिया था. इससे पहले कांग्रेस ने कोर्ट में दावा किया था कि बोर्ड गठन को रोकने के लिए पंचायत समिति अध्यक्ष समेत 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. रानीनगर नंबर 2 पंचायत समिति की स्थायी समिति का गठन होना था लेकिन इलाके में भारी तनाव का माहौल था.कांग्रेस का आरोप है कि सत्ता पक्ष स्थायी संघ बनाने के लिए विपक्ष को निशाना बना रहा है. पिछले सोमवार को दोपहर 12 बजे तृणमूल सदस्यों ने बैठक बुलाई थी . कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि पंचायत समिति अध्यक्ष को झूठे मामले में हिरासत में लिया गया है.
गौरतलब है कि कांग्रेस के छह सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. वे गिरफ्तारी से बचने के लिए भाग रहे हैं. कांग्रेस ने कोर्ट को बताया कि वे सदस्य चुनाव में हिस्सा लेना चाहते हैं. स्थायी संघ के सदस्यों की कुल संख्या 42 है. इस पंचायत में कांग्रेस बहुमत में थी लेकिन बाद में कुछ सदस्य तृणमूल में शामिल हो गये.रानीनगर पंचायत समिति में जीत के बाद लेफ्ट और कांग्रेस ने पिछले शुक्रवार को विजय रैली का आह्वान किया था. कथित तौर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रैली में शामिल होने के रास्ते में बाधाओं का सामना करना पड़ा. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि तृणमूल कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ मिलकर उनके कार्यकर्ताओं व समर्थकों को भी रैली में जाने से रोका गाया.
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रैली से लौटते वक्त इस घटना से माहौल गरमा गया. कथित तौर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रानीनगर थाने में घुसकर तोड़-फोड़ की. पुलिस स्टेशन को निशाना बनाकर जमकर ईंटें बरसाई गईं. राज्य राजमार्ग के बगल में स्थित तृणमूल के पार्टी कार्यालय मन्नान हुसैन भवन में भी तोड़-फोड़ की गई और आग लगा दी गई. स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि रानीनगर थाने की मदद के लिए पड़ोसी थाने के पुलिसकर्मियों को भी बुलाया गया. इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर और लाठीचार्ज कर स्थिति को संभाला था.घटना में शामिल होने के संदेह में रानीनगर पंचायत समिति के अध्यक्ष कुद्दूस अली सहित कुल 31 वामपंथी और कांग्रेस समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था.
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