Mamata Banerjee : पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने बुधवार को राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर जम कर हमला बोला. बुधवार को सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से श्री अधिकारी ने कहा कि राज्य में पूरी शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है, शिक्षा विभाग के बड़े लोग जेल में बंद हैं. पैसे के बदले सरकारी स्कूलों में अयोग्य व्यक्तियों को शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा का बुनियादी ढांचा चरमरा रहा है और शिक्षा की गुणवत्ता हर दिन नये निचले स्तर पर पहुंच रही है. लेकिन अचानक स्कूल शिक्षा विभाग नींद से जागा है और उसने विद्यार्थियों को निःशुल्क नोटबुक बांटने का निर्णय लिया है.
शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर किया कटाक्ष
श्री अधिकारी ने कहा कि वह राज्य सरकार के इस कदम की सराहना करते हैं. साथ ही उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से छात्रों को स्कूल बैग, पेंसिल और ज्योमेट्री बॉक्स, रंगीन पेंसिल आदि जैसी अन्य चीजें वितरित करने का आग्रह किया और इसके बाद ही उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हालांकि, अभी आदर्श आचार संहिता प्रभावी है और मुख्यमंत्री एक जन प्रतिनिधि हैं. इसलिए नोटबुक के कवर पेज और अंदर के पेज पर मुख्यमंत्री की छवियों वाली नोटबुक वितरित करना आचार संहिता का उल्लंघन है. इस नोटबुक के जरिये छात्रों के अभिभावकों, जो मतदाता हैं, उनको प्रभावित करने का प्रयास किया गया है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन का लगाया आरोप
उन्होंने कहा कि इसलिए वितरण जारी रखने के लिए, स्कूल शिक्षा विभाग को ममता बनर्जी की तस्वीरों को हटाना चाहिए और इन नोटबुक्स पर स्वामी विवेकानंद और ईश्वर चंद्र विद्यासागर की तस्वीर लगाकर वितरित करना चाहिए. उन्होंने इसे लेकर निर्वाचन आयोग व लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल के विशेष पर्यवेक्षक का ध्यानाकर्षण किया है. इसे लेकर प्रदेश भाजपा की ओर से चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा गया है और वितरण पर रोक लगाने की मांग की गयी है.