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बंगाल में भाजपा-टीएमसी के लिए वाररूम बनी वर्चुअल रैली, एक-दूसरे की गिना रहे खामियां

Bengal Virtual Rally War : पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 2021 में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बंगाल पर फतह की लड़ाई तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) और भाजपा (BJP) के बीच तेज हो गयी है, लेकिन कोरोना महामारी (Coronavirus pandemic) के कारण यह लड़ाई वर्चुअल प्लेटफार्म (Virtual platform) पर लड़ी जा रही है. वर्चुअल मीटिंग (Virtual meeting) से तृणमूल और भाजपा के नेता एक- दूसरे पर निशाना साध रहे हैं और अगले चुनाव में बंगाल पर फतह के दावे कर रहे हैं.

Bengal Virtual Rally War : कोलकाता : पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 2021 में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बंगाल पर फतह की लड़ाई तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) और भाजपा (BJP) के बीच तेज हो गयी है, लेकिन कोरोना महामारी (Coronavirus pandemic) के कारण यह लड़ाई वर्चुअल प्लेटफार्म (Virtual platform) पर लड़ी जा रही है. वर्चुअल मीटिंग (Virtual meeting) से तृणमूल और भाजपा के नेता एक- दूसरे पर निशाना साध रहे हैं और अगले चुनाव में बंगाल पर फतह के दावे कर रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home minister Amit Shah) की वर्चुअल रैली (Virtual rally) से बंगाल में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रैली की शुरुआत हुई थी. प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip ghosh) ने दावा किया था कि उस रैली को ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा और सुना था.

उसके बाद क्रमश: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda), केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman), केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad), केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda), केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल (Arjun Meghwal) सहित कई केंद्रीय नेताओं ने भाजपा की वर्चुअल रैली को संबोधित कर चुके हैं और रैली में बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा था.

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सभी नेताओं ने दावा किया था कि विधानसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी. भाजपा के केवल केंद्रीय नेताओं नेताओं ने ही नहीं, वरन प्रदेश एवं जिला स्तर पर भी पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठित करने के लिए वर्चुअल बैठक हो रही हैं. पार्टी के आला नेता दिल्ली से लगातार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पार्टी के पदाधिकारियों के साथ नियमित रूप से बैठक करते रहते हैं. भाजपा लगातार डिजिटल प्लेटफार्म पर आर नाय ममता, आर अन्याय नाय जैसे आंदोलन चलाती रहती है.

लेकिन, बंगाल में पिछले 9 वर्षों से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस भी वर्चुअल रैली में पीछे नहीं हैं. तृणमूल कांग्रेस ने 21 जुलाई को शहीद सभा वर्चुअल प्लेटफार्म पर किया और बूथ स्तर के अपने कार्यकर्ताओं को इस रैली से जोड़ा. मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने दावा किया कि अगले साल शहीद दिवस की रैली ऐतिहासिक होगी और तृणमूल कांग्रेस फिर से सत्ता में आयेगी.

तृणमूल कांग्रेस की रणनीति राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) सजा रहे हैं और वह लगातार ‘दीदी के बोलो’ से लेकर जनता से जुड़ने वाले कई कार्यक्रमों को शुरू किया है. ममता गुरुवार को भी पार्टी नेताओं के साथ वर्चुअल सभा करेंगी और आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगी.

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दूसरी ओर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री घोष तृणमूल कांग्रेस की वर्चुअल रैली पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भाजपा की वर्चुअल रैली की आलोचना की थी, लेकिन अब उसी का अनुसरण कर रही हैं. वह खुद डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रत्येक दिन मीटिंग करती हैं और अभी तक हजारों मीटिंग कर चुकी हैं, लेकिन तृणमूल कांग्रेस को सब चीज बाद में समझ में आती है.

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी का कहना है कि भाजपा के नेता केबल टीवी और सोशल मीडिया पर ही हैं, लेकिन तृणमूल के नेता और कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर आम लोगों के साथ और आम लोगों के लिए काम कर रहे हैं. कोरोना की विशेष परिस्थिति में तृणमूल कांग्रेस ने डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग किया है और पार्टी और संगठन को मजबूत बनाने के लिए लगातार इसका इस्तेमाल करते रहेगी.

Posted By : Samir ranjan.

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