Bengal Weather Forecast : बंगाल की खाड़ी में ‘रेमाल’ के लिए अनुकूल परिस्थितियां धीरे-धीरे विकसित हो रही हैं. मौसम विभाग की मानें तो शनिवार की शाम तक ‘रेमाल’ चक्रवात में तब्दील हो सकता है. जिसके चलते कोलकाता समेत दक्षिण बंगाल के आठ जिलों में बिजली के साथ आंधी व बारिश (Rain) की संभावना जताई गई है. कोलकाता के अलावा जिन जिलों में गरज के साथ बारिश होने का अनुमान है उनमें 24 परगना, पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्वी बर्दवान, बांकुड़ा, पुरुलिया और नादिया शामिल हैं. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इन आठ जिलों में गरज-चमक के साथ 40-50 किमी की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं.
बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवाती तूफान रेमाल
मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक चक्रवात ‘रेमाल’ बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के निकटवर्ती तट से टकराने वाला है. इसके प्रभाव से दक्षिण बंगाल में दो दिनों तक तूफानी बारिश होगी. हालात से निपटने के लिए दक्षिण बंगाल में एनडीआरएफ की 12 टीमें तैनात की गई हैं. एनडीआरएफ की ये 12 टीमें कोलकाता एयरपोर्ट क्षेत्र, हसनाबाद, बशीरहाट, गोसाबा, काकद्वीप, सागरद्वीप, दीघर रामनगर, कांथी, दांतन, नारायणगढ़ और आरामबाग में होंगी.
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रविवार रात दे सकता है दस्तक
गौरतलब है कि मौसम विभाग ने कहा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव शनिवार शाम तक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है और 26 मई की रात को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के समुद्र तटों पर दस्तक दे सकता है.बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवाती तूफान 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दस्तक दे सकता है.यह 135 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार पकड़ सकता है.
रेमाल को देखते हुए बंद रहेंगे हुगली के फेरीघाट
रेमाल चक्रवात को लेकर हुगली जिला प्रशासन मुस्तैद है. यह जानकारी जिलाधिकारी मुक्ता आर्य ने दी. उन्होंने बताया कि 25 से 27 मई तक हुगली के सभी फेरीघाट बंद रहेंगे. माइकिंग कर लोगों को सतर्क किया जा रहा है.
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चक्रवात से निपटने के लिए निगम तैयार
कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम पहले ही केएमडीए, रेलवे, पोर्ट और सिंचाई विभाग सहित अन्य विभागों के साथ बैठक कर चुके हैं. निगम के मुताबिक, चक्रवात की वजह से पेड़ गिर सकते हैं. ऐसे में गिरे हुए पेड़ों को हटाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है. निगम ने सभी 16 बोरो के लिए अलग-अलग टीमें बनायी है. पेड़ों को काटने के लिए हाइड्रोलिक सीढ़ी, क्रेन, पे लोडर, डंपर आदि आवश्यक उपकरण तैयार कर लिये गये हैं. चक्रवात के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए निगम द्वारा अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है. ताकि, पेड़ों के गिरने की स्थिति में यातायात सेवा प्रभावित ना हो.
खुलेगा कंट्रोल रूम
इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए निगम कंट्रोल रूम खोले जायेंगे, जो 24 घंटे खुला रहेगा. कंट्रोल रूम का संचालन निगम के आला अधिकारी करेंगे. इसके अलावा, तूफान के दौरान या उसके बाद बिजली के झटके से होने वाली मौतों को रोकने के लिए सड़कों पर लगे बिजले के खंभों पर लगे खुले तारों पर टेप लगाये जाने का कार्य जारी है. निगम सीईएससी के भी संपर्क में हैं. ताकि, बिजली गुल होने की स्थिति में दोबारा बिजली आपूर्ति सेवा को बहाल किया जा सके.