सुपौल: नेपाल के पहाड़ी इलाके में रुक-रुक कर हो रही बारिश से कोसी के जलस्तर में बढ़ने व घटने का सिलसिला जारी है. पानी बढ़ने के बाद लोगों को बाढ़ का भय सताने लगता है. वहीं, पानी कम होने के बाद कटाव का भय बना है. जानकार बताते हैं कि कोसी बाढ़ से जितनी तबाही नहीं मचाती है, उससे अधिक कटाव से लोगों को पीड़ा देती है. कोसी नदी में पानी घटने व बढ़ने के कारण चार जगहों पर दबाव बना हुआ है. पूर्वी कोसी तटबंध के 40 किमी तक तटबंध अपने सभी स्परों के साथ सुरक्षित है. नदी के जलश्राव में उतार-चढ़ाव के कारण 07.85 किमी स्पर पर सामान्य से अधिक दबाव है तथा नदी के जलश्राव में वृद्धि एवं बैक रोल के कारण 16 किमी, 16.30 किमी एवं 22.40 किमी नोज के अप स्ट्रीम पर सामान्य से अधिक दबाव है.
नेपाल के पहाड़ी इलाके में बारिश थमने के बाद सुबह 06 बजे से कोसी नदी का जलस्तर भी लगातार घटने लगा. सुबह 06 बजे जहां कोसी बराज पर 01 लाख 28 हजार 560 क्यूसेक पानी मापा गया. वहीं बराह क्षेत्र में 83 हजार 125 क्यूसेक पानी मापा गया. लेकिन शाम चार बजे कोसी बराज पर 01 लाख 06 हजार 910 क्यूसेक व बराह क्षेत्र में 66 हजार 850 क्यूसेक पानी मापा गया.
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कोसी नदी के जल स्तर में उतार-चढाव के बाद कोसी तटबंध के भीतर बसे दर्जनों गांव में पानी प्रवेश कर गया है. सदर प्रखंड के बलवा, डभारी, घूरन, बसबिट्टी, तेलवा, पिपराखुर्द आदि गांव में लोगों के दरवाजे तक पानी पहुंच चुका है. जिस कारण लोगों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बलवा गांव निवासी सुरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि जगह-जगह पानी लगने के कारण बाजार आने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.