Lending Apps Ban Revoke: भारत सरकार ने हाल ही में संदिग्ग्ध गतिविधियों वाले विदेशी ऐप्स पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 232 लेंडिंग और सट्टेबाजी ऐप को बैन किया है. इनमें अधिकांश चाइनीज और कुछ गैर-चाइनीज ऐप भी शामिल हैं. अब सरकार ने फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनियों- LazyPay और Kissht से बैन हटाने का फैसला किया है. आईटी मिनिस्ट्री ने इन कंपनियों के ऐप को अपनी प्रमाणिकता साबित करने के लिए 48 घंटे का समय दिया था. खबर है कि फिनटेक कंपनियों द्वारा चीजें साफ करने के बाद इनसे बैन हटाने का फैसला किया गया है.
सरकार वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों- लेजीपे और किश्त से प्रतिबंध हटाएगी. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन कंपनियों के ऐप को अपनी प्रमाणिकता साबित करने के लिए 48 घंटे का समय दिया था. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इन वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा चीजें साफ करने के बाद इनसे प्रतिबंध हटाने का फैसला किया गया है.
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सरकार ने पिछले सप्ताह चीन और अन्य देशों की इकाइयों के 232 ऐप को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था. दांव लगाने, जुआ और अनधिकृत तरीके से कर्ज सुविधा देने को लेकर ये प्रतिबंध लगाये गये थे.
सूत्रों ने बताया कि सरकार प्रतिबंधित वेबसाइट और ऐप की सूची में शामिल लेजीपे और किश्त से प्रतिबंध हटाएगी. इन ऐप ने सरकार के समक्ष अपनी स्थिति साफ कर दी है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने भी इस घटनाक्रम की पुष्टि की.
उल्लेखनीय है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के नोडल अधिकारी के दांव लगाने और जुए में शामिल 138 वेबसाइट और कर्ज देने वाले 94 ऐप पर आपातकालीन अनुरोध पर शनिवार को इन्हें प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किया. ये धन शोधन में शामिल थे और देश की वित्तीय सुरक्षा के लिए खतरा थे.
जिन इकाइयों पर पाबंदी लगायी गई थी उनमें उनमें वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियां लेजीपे, इंडिया बुल्स होम लोन और किश्त शामिल थीं. प्रतिबंधित सूची में शामिल वेबसाइट में बडीलोन डॉट कॉम, कैशटीएम डॉट इन, फेयरसेन्ट डॉट कॉम, ट्रु बैलेंस डॉट एन डॉट अपटॉउन डॉट कॉम और एम पॉकेट डॉट एन डॉट अपटाउन डॉट कॉम शामिल हैं. (भाषा इनपुट के साथ)
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