18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

छोटी दिवाली और दीपावली में ऐसे करें अपनी गाड़ी की पूजा, जानें क्या है शुभ मुहुर्त, पूजा विधि और मंत्र

दिवाली के दिन वाहन को चर लग्न में खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है. चर लग्न सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध और गुरु लग्न हैं. इस दिन यानी 12 नवंबर को 2 बजकर 57 मिनट से 4 बजकर 35 मिनट तक और 10 बजे से 11 बजकर 58 मिनट तक चर लग्न है. इसलिए इन समयों में नई गाड़ी खरीदना शुभ होगा.

नई दिल्ली : दिवाली के लिए वाहन निर्माता कंपनियों ने गाड़ियों की डिलीवरी शुरू कर दी है. धनतेरस का पर्व दिवाली से दो दिन पहले कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. दिवाली का सप्ताह धनतेरस से शुरू हो जाता है. दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है. इस बार छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी 11 नवंबर यानी आज है. साथ ही बड़ी दिवाली का लक्ष्मी पूजन भी इसी दिन है. दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन किया जाता है. छोटी दिवाली के दिन यमराज की पूजा की जाती है.  भारत में दिवाली के मौके पर सोना-चांदी, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, नई कार और स्कूटर आदि को खरीदना शुभ माना जाता है. इस दिन नई गाड़ी खरीदने का विशेष महत्व है, लेकिन वाहन खरीदने के बाद इसकी पूजा करना उससे भी कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. आइए, जानते हैं वाहनों के खरीदने का शुभ मुहुर्त, पूजा विधि और पूजा मंत्र के बारे में…

चर लग्न में गाड़ियों को खरीदें

दिवाली के दिन वाहन को चर लग्न में खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है. चर लग्न सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध और गुरु लग्न हैं. छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी इस बार 11 नवंबर यानी आज ही मनाई जाएगी. चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से होगी और चतुर्दशी तिथि का समापन 12 नवंबर को दिन में 2 बजकर 44 मिनट पर होगा. इस दिन अभ्यांग स्नान मुहूर्त 12 नवंबर को सुबह 5 बजकर 28 मिनट से लेकर 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. इसलिए इन समयों में नई गाड़ी खरीदना शुभ होगा. धनतेरस के दिन बन रहे शुभ मुहूर्त में ही खरीदारी करनी चाहिए, तभी इसके शुभ फल मिलेंगे. इसलिए इन समयों में नई गाड़ी खरीदने की योजना बनाएं. धनतेरस के दिन खरीदी गई गाड़ी की पूजा जरूर करनी चाहिए. इससे वाहन में लक्ष्मी का वास होता है और वाहन की चाल में तेजी आती है. धनतेरस के दिन कार खरीदने के बाद उसमें पीला कपड़ा अवश्य बांधें. पीला रंग शुभता और समृद्धि का प्रतीक है. धनतेरस पर वाहन खरीदते समय याद रहे कि राहुकाल में कोई नया वाहन न खरीदें. राहुकाल में खरीदी गई गाड़ी से दुर्घटना या अन्य समस्याएं हो सकती हैं.

वाहनों की पूजा करना क्यों है जरूरी

ज्योतिषाचार्य पंडित नागेंद्र पांडेय ने बताया कि अगर आप कोई नया वाहन खरीदते हैं, तो उसका पूजन अवश्य करना चाहिए. नए वाहन के पूजन के बाद ही वाहन चलाना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो इसे शुभ माना जाता है. वाहन की पूजा के लिए कर्पूर, नारियल, फूलमाला, जल का कलश, गुड़ या मिठाई, कलावा, सिंदूर घी मिश्रित सामग्री खरीद लें. घर में नए वाहन के प्रवेश से पहले आम के पत्ते से तीन बार गंगा जल छिड़के. अगर घर में गंगा जल नहीं है, तो ताजा जल का इस्तेमाल करें. जल का छिड़काव करने के बाद वाहन पर सिंदूर और घी से स्वस्तिक बनाएं.

वाहन की पूजा विधि और मंत्र

  • छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली या फिर दीपावली के दिन वाहन की पूजा घर की महिला अथवा किसी पुरोहित से कराना चाहिए.

  • सबसे पहले अपने वाहन को अच्छे से धो लें और साफ स्थान पर खड़ा करें.

  • अब अपने वाहन पर चंदन अथवा घी मिश्रित सिंदूर से एक स्वस्तिक बनाएं.

  • पूजा शुरू करने से पहले सबसे पहले 3 बार आचमन करें.

  • आचमन के बाद हाथ में कुश, अक्षत, फूल और जल रखकर संकल्प लें.

  • संकल्प लेते समय मंत्र में उस दिन की तिथि, वार, वर्ष, गोत्र, कुल और खुद के नाम का उच्चारण करें.

  • भगवान गणेश का ध्यान करते हुए प्रार्थना कर उन्हें आह्वान करें और सबसे पहले उनकी पूजा करें.

  • वाहन में भगवान हनुमान, मां काली का वास माना जाता है. साथ ही वाहन पूजा के समय मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है.

  • कुछ स्थानों पर वाहन पूजा के समय विश्वकर्मा जी की भी पूजा की जाती है.

Also Read: गरीबों की किस्मत चमकाने आ गई Maruti, सिर्फ 5 लाख में दे रही ये कार, 30000 रुपये की छूट

  • पूजन में सबसे पहले लोटे के जल से दूब या पान के पत्ते के द्वारा अपने वाहन के छींट दें और उसे पवित्र करें.

  • इसके साथ ही ऊं महाकाली नमः, ऊं रामचंद्राय नमः और ऊं भैरवाय नमः मंत्र का उच्चारण करें.

  • स्नान करवाने के बाद वाहन को तिलक लगाएं और ऊं महाकाली नमः, ऊं रामदूताय नमः और ऊं भैरवाय नमः का उच्चारण करते हुए चन्दनं समर्पयामि का भी उच्चारण करें.

  • अब वाहन के स्वामी देवी देवताओं को अछत अर्पित करें.

  • अक्षत अर्पित करने के बाद देवताओं को वस्त्र अर्पित करें.

  • वस्त्र अर्पित करने के लिए अपने वाहन के हैंडल पर 7 बार लपेटते हुए मोली धागा बांध दें.

  • मौली लपेटते हुए आप भगवान गणेश और अपने कुलदेवताओं को स्मरण करते रहें.

  • अब अपने वाहन को पुष्पमाला अर्पित करें.

Also Read: आनंद महिंद्रा अपनी इस Electric SUV पर गरीबों को दे रहे 3.5 लाख तक की छूट का तोहफा, चूके तो हाथ मलते रह जाएंगे

  • पुष्पमाला को इस तरह बांधे की उससे आपको वाहन चलाने में किसी तरह की कोई परेशानी ना हो.

  • पुष्पमाला अर्पित करते समय आपको प्रथमपूज्य भगवान गणेश और घर के देवताओं का स्मरण करते रहें.

  • पुष्पमाला के बाद सुगन्धित पुष्पों से अपने वाहन को समर्पित करें.

  • अब आरती करने के लिए पूजा की थाली में धूप और दीपक प्रज्वलित कर लें.

  • धूप में कर्पूर जलाकर अब आप आरती करें.

  • आरती पूरी होने पर नैवैध के रूप में केला और निम्बू भगवान को अर्पित करें.

  • निंबू अर्पित करने के लिए निंबू को खड़ा अपने वाहन के प्रथम टायर के आगे रखें और उसके आगे केला रखें.

  • अब पीछे के टायर के आगे भी इसी तरह खड़ा निंबू रखें और उसके आगे केला रखें.

  • वाहन को किसी की नजर बचाने के लिए नारियल की शिखा पर कर्पूर रखकर अपने वाहन के चारों ओर 7 बार घुमाएं.

  • अब भगवान के नाम का स्मरण करते हुए वाहन के आगे नारियल फोड़ें.

  • फोड़े गए नारियल के अंदर अच्छे से सिंदूर लगा लें.

  • सिंदूर लगाने के बाद उसमें पिली सरसों डाल लें.

  • अब इस नारियल को हाथ में लेकर 7 परिक्रमा करें.

  • परिक्रमा करते समय ऊं महाकाली नमः, ऊं रामदूताय नमः और ऊं भैरवाय नमः मंत्र का उच्चारण करें.

  • इसके बाद सभी देवताओं की प्रार्थना करें

  • अब आप अपने वाहन को चलाकर निंबू फोड़ें.

Also Read: रतन टाटा ने गरीबों को दिया दिवाली गिफ्ट, अब हर कोई खरीद सकेगा Electric Car, जानें कौन सी है गाड़ी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें