गांधीनगर : कारों में उपयोग किए जाने वाले सेमीकंडक्टर का भारत में संयंत्र लगाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक समान निर्माता कंपनी फॉक्सकॉन और स्वदेशी विभिन्न वस्तु निर्माता कंपनी वेदांता के प्रस्तावों का इंतजार कर रही है. हालांकि, ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन और वेदांता के बीच भारत में संयुक्त उपक्रम के तहत सेमीकंडक्टर का संयंत्र लगाने के लिए आपस में सहमति बनी थी, लेकिन फॉक्सकॉन ने अपना हाथ खींच लिया है. पहले इन दोनों कंपनियों ने भारत में संयुक्त उद्यम के तहत सेमीकंडक्टर स्थापित करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अब फॉक्सकॉन और वेदांता अलग-अलग संयंत्र स्थापित करेंगे. इस वजह से सरकार के सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. इसीलिए, सरकार ‘वेट एंड वाच’ की रणनीति अपनाते हुए इन दोनों कंपनियों के प्रस्तावों का इंतजार कर रही है.
भारत में अलग से सेमीकंडक्टर का प्लांट लगाएगी फॉक्सकॉन
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि केंद्र देश में सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने को लेकर ताइवान की फॉक्सकॉन और विभिन्न कारोबार क्षेत्रों से जुड़ी वेदांता के अलग-अलग प्रस्तावों का इंतजार कर रहा है. इस महीने की शुरुआत में फॉक्सकॉन उद्योगपति अनिल अग्रवाल की वेदांता के साथ संयुक्त उद्यम के तहत सेमीकंडक्टर बनाने का संयंत्र लगाने के प्रस्ताव से हट गई थी. ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण कंपनी ने कहा कि वह भारत में अलग से सेमीकंडक्टर इकाई लगाने के लिए काम कर रही है.
फॉक्सकॉन और वेदांता ने संयुक्त उद्यम लगाने का दिया था प्रस्ताव
सेमीकंडक्टर मामले में पूछे गये सवाल के जवाब में चंद्रशेखर ने कहा कि दो निजी भागीदारों फॉक्सकॉन और वेदांता ने भारत में सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने के लिए संयुक्त उद्यम का प्रस्ताव दिया था. उनका अब मानना है कि वे अलग-अलग प्रस्ताव देंगे. हम उनके प्रस्तावों का इंतजार करेंगे और उसके मुताबिक आकलन करेंगे. चंद्रशेखर ने सेमीकॉन इंडिया-2023 के तहत सेमीकंडक्टर से संबंधित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर आयोजित छह दिन की प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में कहा कि देश ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में पिछले 15 महीनों में जो हासिल किया है, वह पिछले 70 साल में हासिल नहीं किया गया था.
सेमीकंडक्टर उत्पादन में पिछड़ा रहा भारत
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब विभिन्न देशों ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में बहुत प्रगति की, तो उस समय हमारा देश इस अवसर का लाभ उठाने में या तो असफल रहा है या उसे नजरअंदाज कर दिया गया. विभिन्न सरकारों ने इस क्षेत्र को अलग-अलग तरीकों से या तो नजरअंदाज किया या इसमें असफल रहीं. उन्होंने कहा कि यह पहली बार है, जब इस दिशा में सफल प्रयास किए गए. हम जो पिछले 70 साल में हासिल नहीं कर पाये, उसे 15 साल में हासिल किया है.
गुजरात बन रहा सेमीकंडक्टर का हब
केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर परिवेश के निर्माण के मामले में गुजरात दूसरे राज्यों से आगे निकल रहा है. अमेरिकी चिप विनिर्माता माइक्रोन गुजरात में बड़ा निवेश करने जा रही है. उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र अगले दशक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का दशक कहा है. उन्होंने कहा कि न केवल गुजरात में बल्कि पूरे देश में कई साल बाद पहली बार इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में रजिस्ट्रेशन, हार्डवेयर में रुचि और हार्डवेयर तथा सेमीकंडक्टर क्षेत्र में स्टार्टअप बढ़ रहे हैं. यह देश के लिये एक अच्छी बात है और गुजरात सेमीकंडक्टर के मामले में एक प्रमुख केंद्र बन रहा है.
गुजरात में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाएगी माइक्रोन
एक सरकारी बयान के अनुसार, छह दिवसीय प्रदर्शनी का उद्देश्य यहां आने वालों को सेमीकंडक्टर की जटिल विनिर्माण प्रक्रियाओं और इस गतिशील क्षेत्र में हासिल की गई उल्लेखनीय प्रगति के बारे में जानकारी देना है. प्रधानमंत्री मोदी की हाल की अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत में माइक्रोन टेक्नोलॉजी द्वारा अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी) सुविधा की स्थापना की घोषणा की थी. बाद में, गुजरात सरकार ने साणंद में एटीएमपी सुविधा स्थापित करने के लिए अमेरिकी चिप विनिर्माता माइक्रोन के साथ 22,500 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. प्रधानमंत्री 28 जुलाई, 2023 को सेमीकॉन इंडिया का उद्घाटन करेंगे.