How 5G Affects Airlines : अमेरिका में जैसे-जैसे 5G नेटवर्क लागू करने की समय-सीमा, 1 जुलाई 2023 की तारीख नजदीक आ रही है, अमेरिकी एयरलाइंस उड़ानों में होनेवाली संभावित देरी को लेकर तैयारी कर रही हैं. अमेरिकी परिवहन सचिव पीट बटिगिएग ने आगाह किया है कि बिना अपडेटेड रेडियो अल्टीमीटर के उड़ान भरनेवाले हवाई जहाजों को 5जी सी-बैंड से निबटने के लिए अपने तय समय से देरी या कैंसेलेशन का सामना करना पड़ सकता है. वाशिंगटन जर्नल के अनुसार, बटिगिएग ने कहा कि 5जी नेटवर्क के चलते उड़ानों के लिए देरी या रद्द होने का वास्तविक खतरा है. यही नहीं, यह इस गर्मी में उड्डयन सेवा के प्रदर्शन को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी पूर्वानुमानित समस्याओं में से एक होगा.
अमेरिकी एयरलाइन कंपनियों का कहना है कि वायरलेस सेवा के कारण आनेवाली बाधा जितनी बड़ी सोची गई थी, उससे कहीं ज्यादा बड़ी है. एयरपोर्ट के आसपास अगर 5जी वायरलेस नेटवर्क हुआ, तो विमान या तो जमीन पर ही खड़े रहेंगे या फिर देर से उड़ेंगे. बता दें कि टेलीकॉम कंपनियों और एफएए (फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन) के बीच समझौते के तहत 5जी वायरलेस सर्विस को लगातार टाला जाता रहा है. अमेरिकी एयरलाइन कंपनियों का कहना है कि 5G टेक्नोलॉजी विमानों को बेकार कर सकती है.
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नयी 5जी सर्विस रेडियो स्पेटक्ट्रम के एक ऐसे हिस्से का इस्तेमाल करती है जो उस स्पेक्ट्रम के करीब है जिसका इस्तेमाल अल्टीमीटर करते हैं. अल्टीमीटर ही वह इक्विपमेंट है, जो विमान की धरती से ऊंचाई मापते हैं. अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने कहा था कि 5G के चलते विमान के रेडियो अल्टीमीटर पर प्रभाव पड़ सकता है जिससे इंजन और ब्रेकिंग सिस्टम जाम हो सकता है और इस वजह से विमानों का रनवे पर रुकना मुश्किल हो जाएगा.
अल्टीमीटर वह उपकरण होता है, जो पायलट को विमान को लैंड करने में मदद करता है. अल्टीमीटर से ही पता चलता है कि विमान और जमीन के बीच कितनी दूरी है. इसकी मदद से पायलट विमान की सेफ लैंडिंग करवा सकता है. अल्टीमीटर 4.2 से 4.4 GHz की फ्रीक्वेंसी पर काम करता है. वहीं, 5G की फ्रीक्वेंसी 3.7 से 3.98 GHz है. 5G और अल्टीमीटर की फ्रीक्वेंसी में ज्यादा दूरी नहीं होने की वजह से इन पर खतरनाक असर पड़ने की आशंका है.
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