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हाईवे से कितनी दूरी पर मकान बनाने से आपकी फैमिली रहेगी सुरक्षित, जानें रोड निर्माण के जरूरी नियम

सड़क के किनारे घर बनाने के भी नियम हैं. मीडिया की रिपोर्ट की मानें, तो हर राज्य में सड़क के किनारे मकान बनाने की दूरी के लिए अलग-अलग नियम हैं. यह नियम नगर निगम अथवा नगरपालिकाएं तय करती हैं. कई बार राज्य सरकार और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भी नियम तैयार किया जाता है.

नई दिल्ली : खुद का घर बनाने का सपना हर किसी का होता है. यह सपना तब और भी अधिक सफल हो जाता है, जब आपके घर का शहर या सड़क से कनेक्ट हो. इसी कनेक्टिविटी को बनाए रखने के लिए आम तौर पर लोग मेन रोड अथवा हाईवे के किनारे घर बनाना ज्यादा पसंद करते हैं, ताकि आपातकाल में आसानी से शहर तक या फिर सुविधाओं तक पहुंचा जा सके. आवाजाही में दिक्कत न हो. कई बार यह भी देखने में आता है कि लोग अपनी गाढ़ी कमाई लगाकर सड़क अथवा हाईवे के किनारे घर बनाने हैं. लेकिन, एक बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि क्या सड़क या हाईवे के किनारे घर बनाना परिवार के लिए सुरक्षित है? आखिर क्या कारण है कि लोग सड़क अथवा हाईवे के किनारे घर बनाते हैं? आइए, जानते हैं.

सड़क चौड़ीकरण के बाद मिलता है मुआवजा

देखने में यह भी आता है कि जो लोग सड़क के किनारे घर बनाते हैं, तो जब सड़क चौड़ीकरण का काम कराया जाता है, तो घरों की तोड़फोड़ होती है और इसके एवज में सरकार की ओर से मकान मालिक को क्षतिपूर्ति के तौर पर मुआवजा दिया जाता है.

सड़क से मकान की दूरी का क्या है नियम

ऐसा भी नहीं है कि कोई आदमी कैसे भी सड़क के किनारे घर बना ले और उसे कोई कुछ नहीं कहेगा. सड़क के किनारे घर बनाने के भी नियम हैं. मीडिया की रिपोर्ट की मानें, तो हर राज्य में सड़क के किनारे मकान बनाने की दूरी के लिए अलग-अलग नियम हैं. यह नियम नगर निगम अथवा नगरपालिकाएं तय करती हैं. कई बार राज्य सरकार और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भी नियम तैयार किया जाता है. लेकिन, सड़क से घर की दूरी जानने के लिए कोई भी व्यक्ति नगर निगम अथवा नगरपालिका से इसकी जानकारी हासिल कर सकता है.

सड़क से कितनी दूरी पर घर बनाना सुरक्षित

अगर आप सड़क के किनारे घर बनाने जा रहे हैं, तो आपको यह जानना भी बेहद जरूरी है कि उस सड़क के किनारे राइट ऑफ वे की चौड़ाई कितनी है. उसकी सीमा के बाहर निर्धारित ऑफसेट छोड़कर डायवर्टेड प्लॉट पर सर्वसंबधित शासकीय विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र यानी एनओसी लेने के बाद घर अथवा व्यावसायिक भवन बनाने का नियम है. अब अगर आप हाईवे के किनारे घर बनाने जा रहे हैं, तो नियम बताता है कि सड़क से कम से कम 75 फीट की दूरी पर आपके घर के प्लॉट हो. सरकार के अनुसार, सड़क के मध्‍य रेखा से राष्ट्रीय राजमार्ग अथवा राज्य राजमार्ग में 75 फीट की दूरी उचित मानी जाती है. इसके साथ ही, मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड में 60 फीट एवं आर्डिनरी डिस्ट्रिक्ट रोड में 50 फीट की दूरी पर घर बनवाना ठीक रहता है. यह दूरी छोड़ने के बाद ही कोई निर्माण या बाउंड्री आदि कर सकते हैं.

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कितने दायरे में नहीं बनाया जा सकता है घर

सरकार की ओर से तय किए गए नियमों के अनुसार, हाईवे के मध्य से दोनों ओर 75-75 मीटर दायरे में कोई निर्माण नहीं होगा. यदि निर्माण बेहद जरूरी है तो एनएचएआई तथा राजमार्ग मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी. राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण एक्ट की धारा 42 के तहत नई व्यवस्था में स्पष्ट है कि हाईवे के बीच से 40 मीटर तक निर्माण की इजाजत कतई नहीं मिलेगी.

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