Airbag For Road Safety: केंद्र सरकार वाहन कंपनियों के लिए अक्टूबर से आठ सीट वाले वाहनों में कम से कम छह एयरबैग को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से उठाया जा रहा है.
ज्यादा एयरबैग का मतलब ज्यादा सुरक्षा
इससे पहले इसी साल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि वाहन यात्रियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन का फैसला किया गया है, ताकि वाहनों में सुरक्षा बढ़ायी जा सके. गडकरी ने आठ सीट वाले वाहनों के लिए कम से कम छह एयरबैग को अनिवार्य करने संबंधी सवाल पर कहा- कोशिश तो है.
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एयरबैग क्या होता है?
आपको बता दें कि एयरबैग कार के अलग-अलग हिस्सों, जैसे- दरवाजे, स्टीयरिंग व्हील और डैशबोर्ड में लगे होते हैं. यह सिलिकॉन की कोटिंग की गई कॉटन के बने थैले जैसी आकृति होती है, जिसमें जरूरत के समय हवा भर सके.
एयरबैग कैसे काम करता है?
जब कार किसी चीज से टकराती है और दुर्घटना होती है, तो यह फूलकर खुल जाता है. उस समय इसमें नाइट्रोजन गैस भर जाती है. दुर्घटना के समय जब कोई कार किसी चीज से टकराती है, तब टकराने की स्पीड के अनुसार ही कार का एयरबैग खुलता है.
एयरबैग कैसे बचाता है पैसेंजर्स की जान?
जब कार किसी चीज से टकराती है, तो एक्सेलेरोमीटर सर्किट एक्टिवेट होकर एक इलेक्ट्रिकल करंट भेजता है, जिससे आगे लगा हुआ सेंसर एयरबैग को सिग्नल देता है. तब एक सेकेंड से भी कम समय में 300 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से एयरबैग फूलकर कार में सवार लोगों के सामने आकर उन्हें चोटिल होने से बचा लेता है. (इनपुट : भाषा)
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