Semicon India 2023 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को गुजरात में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री पर फोकस्ड कार्यक्रम सेमीकॉन इंडिया (Semicon India 2023) का गांधीनगर में उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश में सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों को 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जाएगी. उन्होंने यह घोषणा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने सेमीकंडक्टर उद्योगों को हर तरह की सुविधाएं दी हैं. मोदी ने कहा कि देश में सेमीकंडक्टर उद्योग की वृद्धि के लिए एक पूरा इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है. आपको बता दें कि सेमीकंडक्टर एक ऐसी चिप होती है जो मोबाइल, लैपटॉप, वाशिंगमशीन, टीवी, वीडियो गेम, कार, ट्रेन जैसी लगभग उन सभी चीजों में लगी होती है, जिनका वास्ता इलेक्ट्रॉनिक्स से होता है. सेमीकॉन इंडिया में क्या-क्या घोषणाएं हुईं, आइए जानें-
अगले पांच-सात साल में देश में होंगे कम-से-कम पांच सेमीकंडक्टर संयंत्रः अश्विनी वैष्णव
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत की वैश्विक सेमीकंडक्टर आकांक्षा को आपूर्ति शृंखला से जुड़े हरेक पक्ष से भरपूर समर्थन मिल रहा है और अगले पांच-सात वर्षों में देश के भीतर अरबों डॉलर निवेश वाले पांच चिप विनिर्माण संयंत्र शुरू हो जाने का भरोसा है. वैष्णव ने सेमीकंडक्टर को एक बुनियादी उद्योग बताते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े फ्रिज, टीवी, कार एवं ट्रेन जैसे तमाम उत्पादों में होता है. इसी वजह से सरकार भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर विनिर्माण गतिविधियों का हिस्सा बनाना चाहती है. वैष्णव ने कहा, हमें सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला से जुड़े हरेक हिस्से की तरफ से भरपूर समर्थन मिल रहा है. उपकरण विनिर्माता, गैस एवं कलपुर्जा आपूर्तिकर्ता, विनिर्माण एवं डिजाइन परिवेश तक हर हिस्से से जुड़े लोग इसका हिस्सा बनने को उत्सुक हैं. उन्होंने अनुमान जताया कि अगले पांच-सात वर्षों में देश के भीतर कम-से-कम पांच सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र सक्रिय हो चुके होंगे. उन्होंने कहा, ऐसा मैं पूरे भरोसे से कह सकता हूं. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि हरेक सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र के लिए पांच अरब डॉलर या उससे अधिक निवेश की जरूरत होगी. इसका गुणक प्रभाव इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल फोन एवं लैपटॉप विनिर्माण और आईटी हार्डवेयर क्षेत्र पर भी देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा, व्यावहारिक तौर पर हरेक विनिर्माण क्षेत्र को इससे बढ़ावा मिलेगा. वैष्णव ने कहा कि भारत दुनिया की दिग्गज सेमीकंडक्टर कंपनियों एवं निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनता जा रहा है. इसके पीछे कुशल एवं काबिल कार्यबल, स्थिर एवं पारदर्शी नीति, हरित ऊर्जा और टिकाऊ लॉजिस्टिक ढांचे की अहम भूमिका रही है. भारत ने सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए 10 अरब डॉलर की एक योजना शुरू की है. इसके जरिये भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने का इरादा है.
Also Read: Semiconductor को लेकर Vedanta का नया दांव, Foxconn के चीफ ने कही यह बात
देश में सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र लगाने के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता देगी सरकार : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश में सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों को 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जाएगी. मोदी ने गांधीनगर में ‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि उनकी सरकार ने सेमीकंडक्टर उद्योगों को हर तरह की सुविधाएं दी हैं और सेमीकंडक्टर उद्योग की वृद्धि के लिए एक पूरा परिवेश तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा, हम सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहन की पेशकश कर रहे थे. अब इसे बढ़ा दिया गया है और अब प्रौद्योगिकी कंपनियों को भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता मिलेगी. मोदी ने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग तेजी से वृद्धि करेगा. एक साल पहले, लोग पूछते थे कि उन्हें भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश क्यों करना चाहिए, और अब वे ही पूछते हैं कि भारत में निवेश क्यों नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि दुनिया को एक भरोसेमंद चिप आपूर्ति श्रृंखला की जरूरत है. मोदी ने कहा कि सेमीकंडक्टर डिजाइन पर पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए भारत में 300 विद्यालयों की पहचान की गई है. उन्होंने कहा कि दुनिया में हुई प्रत्येक औद्योगिक क्रांति अलग-अलग समय में लोगों की आकांक्षाओं से प्रेरित थी और उनका मानना है कि अब जो चौथी औद्योगिक क्रांति देखी जा रही है, वह भारत की आकांक्षाओं से प्रेरित है. प्रधानमंत्री ने कहा, आज दुनिया ‘औद्योगिक क्रांति 4.0’ की गवाह बन रही है. दुनिया जब भी ऐसी किसी औद्योगिक क्रांति से गुजरी है, तो उसका आधार किसी क्षेत्र विशेष के लोगों की आकांक्षाएं रही हैं. पहली औद्योगिक क्रांति और अमेरिकी सपने के बीच भी यही संबंध देखा गया था. सेमीकंडक्टर उद्योग के कुछ वैश्विक दिग्गजों के साथ मंच साझा करते हुए मोदी ने कहा, आज मैं चौथी औद्योगिक क्रांति और भारतीय आकांक्षाओं के बीच वही संबंध देखता हूं. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय आकांक्षाएं देश की वृद्धि को गति दे रही हैं और इस वजह से अत्यधिक गरीबी तेजी से खत्म हुई है तथा ‘नव-मध्यम वर्ग’ का उदय हुआ है. मोदी ने कहा कि भारत अपनी ‘वैश्विक जिम्मेदारी’ को अच्छी तरह समझता है, इसलिए हम अपने मित्र देशों के साथ मिलकर एक व्यापक मसौदा तैयार कर रहे हैं. हम भारत में सेमीकंडक्टर परिवेश बनाने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश ने हाल ही में ‘नैशनल क्वांटम मिशन’ को मंजूरी दी है और संसद में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक पेश किया जाना है. राष्ट्रीय क्वांटम मिशन का लक्ष्य वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान तथा विकास को बढ़ावा देना है. मोदी ने कहा, सेमीकंडक्टर परिवेश के लिए, हम इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम को बदल रहे हैं. भारत ने 300 से अधिक बड़े विद्यालयों की पहचान की है, जहां सेमीकंडक्टर पर पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. उम्मीद है कि अगले पांच साल में हमारे पास एक लाख से ज्यादा डिजाइन इंजीनियर होंगे. भारत का लगातार बढ़ता स्टार्टअप परिवेश सेमीकंडक्टर क्षेत्र को भी ताकत देगा. इस क्षेत्र के लिए बिजली की जरूरत का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि देश की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता पिछले दशक में 20 गुना बढ़ गई है. भारत ने 2030 तक 500 गीगावॉट (एक गीगावॉट बराबर 1,000 मेगावॉट) नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता सृजित करने का लक्ष्य रखा है और सौर फोटोवोल्टिक, ग्रीन हाइड्रोजन तथा इलेक्ट्रोलाइजर के उत्पादन के लिये बड़े स्तर पर कदम उठाये गए हैं. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने कई पुराने कानूनों और अनुपालनों को खत्म कर दिया है जो कारोबारी सुगमता के लिए बाधा बन रहे थे.
एएमडी की अनुसंधान एवं विकास योजना से भारत में सेमीकंडक्टर परिवेश तंत्र को बढ़ावा मिलेगा : राजीव च्रंद्रशेखर
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारत में अपना सबसे बड़ा अनुसंधान एवं विकास डिजाइन केंद्र स्थापित करने का अमेरिकी कंपनी एएमडी का फैसला देश में विश्व स्तरीय सेमीकंडक्टर डिजाइन और नवोन्मेष परिवेश तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर पर लिखा है कि इससे कुशल सेमीकंडक्टर इंजीनियर और शोधकर्ताओं को कई अवसर मिलेंगे और यह भारत को वैश्विक प्रतिभा केंद्र के रूप में स्थापित करेगा. उन्होंने कहा, मैं नये भारत में अपना सबसे बड़ा अनुसंधान एवं विकास डिजाइन केंद्र स्थापित करने और भारत-एएएमडी साझेदारी के विस्तार के कंपनी के फैसले का स्वागत करता हूं. यह निश्चित रूप से विश्व स्तरीय सेमीकंडक्टर डिजाइन और नवोन्मेष परिवेश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. सेमीकंडक्टर बनाने वाली एएमडी ने भारत में पांच साल में 40 करोड़ डॉलर का निवेश करने की घोषणा की और कहा कि कंपनी भारत के सेमीकंडक्टर परिवेश तंत्र के निर्माण में एक मजबूत भागीदार होगी. कंपनी बेंगलुरु में एक नया अनुसंधान एवं विकास परिसर खोलेगी, जो दुनिया में उसका सबसे बड़ा संयंत्र होगा. एएमडी के कार्यकारी उपाध्यक्ष (ईवीपी) एवं मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) मार्क पेपरमास्टर ने यहां ‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ सम्मेलन में कहा, एएमडी पांच साल में भारत में 40 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी.
हमारी भारत में बनी चिप ढाई साल में उपलब्ध होगी : अनिल अग्रवाल
वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि सेमीकंडक्टर परियोजना के पहले चरण में कुल 20 अरब डॉलर के व्यय में पांच अरब डॉलर का निवेश शामिल होगा और उनकी भारत में विनिर्मित चिप ढाई साल में उपलब्ध होगी. वेदांता चिप विनिर्माण, पैकेजिंग और डिजाइन की अपनी योजनाओं के लिए प्रौद्योगिकी भागीदार बनाने के लिए तीन कंपनियों से बात कर रही है. ‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ के दौरान संवाददाताओं से अलग से बातचीत में अग्रवाल ने कहा, हम ढाई साल में आपको वेदांता की भारत विनिर्मित चिप उपलब्ध करा देंगे. इसमें पहले चरण में सेमीकंडक्टर में पांच अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा, जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है. उन्होंने कहा, वेदांता के पास नकदी प्रवाह अच्छा है, हम वेदांता में पूंजी आवंटन करेंगे और हमें इक्विटी और कर्ज देने के लिए कई लोग तैयार हैं. लेकिन हम चाहते हैं कि पहले समझौते करें तथा हमारे पास बेहतर परिवेश हो.
भारत में सेमीकंडक्टर के भविष्य को लेकर आशावादी : फॉक्सकॉन चेयरमैन
फॉक्सकॉन ने कहा कि वह भारत में सेमीकंडक्टर मसौदे के भविष्य को लेकर आशावादी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ताइवान भारत का सबसे भरोसेमंद भागीदार है और रहेगा. फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू ने यहां ‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ सम्मेलन में कहा – ‘आइए साथ मिलकर यह काम करें.’ उन्होंने कहा, भारत में चिप के लिए एक परिवेश बनाना बहुत बड़ा काम है… जहां चाह है, वहां राह है. इस संबंध में भारत सरकार के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हुए लियू ने देश की सेमीकंडक्टर यात्रा पर भरोसा जताया. लियू ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार मुझसे कहा था कि ‘आईटी’ का मतलब भारत और ताइवान है. माननीय प्रधानमंत्री, ताइवान आपका सबसे भरोसेमंद साझेदार है और रहेगा… आइए इसे मिलकर करें. इस महीने की शुरुआत में ताइवान स्थित फॉक्सकॉन, वेदांता के साथ 19.5 अरब अमेरिकी डॉलर के सेमीकंडक्टर संयुक्त उद्यम से हट गई थी. फॉक्सकॉन एप्पल के लिए आपूर्ति करती है. फॉक्सकॉन ठेके पर काम करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माता है. अमेरिकी कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी भारत में सबसे पहले सेमीकंडक्टर बनाने के लिए तैयार है, जिसकी घोषणा इस साल जून में की गई थी. फॉक्सकॉन ने कहा है कि वेदांता के साथ सेमीकंडक्टर संयुक्त उद्यम परियोजना से हटने के बाद वह मनपसंद भागीदारों की तलाश कर रही है.
माइक्रोन के भारत में बने चिप निर्यात भी किये जा सकेंगे : कंपनी सीईओ
अमेरिकी कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने गुजरात में भारत का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने की अपनी प्रतिबद्धता एक बार फिर दोहराई. कंपनी ने कहा कि इससे प्रत्यक्ष तौर पर 5000 नौकरियों का सृजन होगा और घरेलू के साथ-साथ विदेशी मांग को भी पूरा किया जाएगा. चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संजय मेहरोत्रा ने ‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ में कहा, यहां गुजरात में हमारी टीम डीआरएएम और एनएएनडी उत्पादों को कंपोनेंट पैकेज, मेमोरी मॉड्यूल और सॉलिड-स्टेट स्टोरेज ड्राइव में बदल देगी जिसे भारत तथा दुनिया भर में ग्राहकों तक पहुंचाया जा सकेगा. माइक्रोन ने इस साल जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की यात्रा के दौरान गुजरात में सेमीकंडक्टर इकाई व परीक्षण संयंत्र स्थापित करने के अपने फैसले की घोषणा की थी. इसमें कुल 2.75 अबर डॉलर (करीब 22,540 करोड़ रुपये) का निवेश होगा. संयंत्र की कुल लागत में से माइक्रोन 82.5 करोड़ डॉलर (करीब 6,760 करोड़ रुपये) देगी और शेष राशि भारत सरकार दो चरणों में देगी. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि माइक्रोन की विनिर्माण इकाई की पहली भारत विनिर्मित चिप दिसंबर 2024 तक उपलब्ध हो सकती है. मंत्री ने कहा कि एक वर्ष के भीतर देश में चार-पांच सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित किए जाने की उम्मीद है. (इनपुट भाषा से साभार)