जमशेदपुर पुलिस वाहन नंबर प्लेट की दुकानों के साथ बैठक कर नए नियम लागू करेगी. इन नियमों के तहत, वाहन मालिकों को नंबर प्लेट लिखवाने से पहले दुकानदार को अपनी पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) पुस्तक, अपनी पहचान पत्र की एक फोटोकॉपी और संपर्क नंबर देना होगा. दुकानदार इन विवरणों को अपने रजिस्टरों में दर्ज करेंगे और एक व्यापक डेटाबेस बनाएंगे.
जिला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) किशोर कौशल ने सभी थाना प्रभारियों को वाहन नंबर पंजीकृत करने वाले दुकानदारों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया है. इसके बाद पुलिस इन दुकानदारों के साथ बैठक कर एक रणनीति तैयार करेगी.
एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि दुकानदारों को वाहन नंबर पंजीकृत करने वाले व्यक्तियों के बारे में आवश्यक जानकारी वाला एक रजिस्टर बनाए रखने का निर्देश दिया जाएगा. इस रजिस्टर में वाहन के आरसी, नंबर पंजीकृत कराने वाले व्यक्ति, उनका संपर्क नंबर और उनकी पहचान पत्र की एक प्रति के बारे में डेटा शामिल होगा. कानून प्रवर्तन अधिकारी समय-समय पर इन रजिस्टरों की समीक्षा करेंगे. यह सक्रिय दृष्टिकोण शहर में आपराधिक गतिविधियों में कमी लाने में योगदान देने की उम्मीद है.
एसएसपी ने आगे बताया कि अपराधी अक्सर आपराधिक गतिविधियों में उपयोग किए जाने वाले वाहनों के नंबर प्लेट बदलते हैं. ये नंबर प्लेट आमतौर पर ऐसी दुकानों में बनाई जाती हैं. वर्तमान में, दुकानदार अक्सर आरसी की प्रामाणिकता सत्यापित किए बिना वाहन नंबर प्लेट बनाते हैं. इस नई प्रणाली का उद्देश्य कानून प्रवर्तन को इन वाहनों के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान करना है, जिससे अपराधियों को पकड़ने में मदद मिल सके. समान वाहनों का उपयोग अक्सर विभिन्न अपराधों में किया जाता है, जिसमें छिनैती की घटनाएं भी शामिल हैं.
शहर में नंबर प्लेट बनाने वाली दुकानों के सत्यापन की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है. इसके अतिरिक्त, एसएसपी किशोर कौशल ने जोर देकर कहा कि शहर में वाहन संशोधन में विशेषज्ञता रखने वाली कई दुकानें हैं. मोटर वाहन (एमवी) अधिनियम के तहत, वाहन संशोधन में शामिल लोगों को 5,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. पुलिस इन दुकानों के खिलाफ कार्रवाई करेगी और शहर में संचालित मॉडिफिकेशन दुकानों की संख्या का आकलन कर रही है.
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