नई दिल्ली : मैग्ना और युलु के संयुक्त उद्यम युमा एनर्जी ने भारत की राजधानी दिल्ली के चार्जिंग बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए दिल्ली भर में बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने की घोषणा की है. एनर्जी-ए-ए-सर्विस कंपनी ने इसके लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) के साथ साझेदारी की है. संयुक्त उद्यम के तहत दिल्ली के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में पहले बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन का उद्घाटन किया गया.
इन शहरों में 120 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन
युमा एनर्जी बैटरी चार्जिंग और स्वैपिंग स्टेशन व्यवसाय में बड़ी कंपनियों में से एक है. कंपनी के पास पहले से ही बेंगलुरु, गुड़गांव, मुंबई, नवी मुंबई और दिल्ली में 120 से अधिक स्वैपिंग स्टेशन हैं. कंपनी का कहना है कि वह पांच लाख स्वैप का समर्थन करती है और हर महीने 1,25,000 ग्राहकों को सेवा प्रदान करती है. युमा के प्राथमिक ग्राहक आधार में क्यू-कॉमर्स (वाणिज्य) और खाद्य वितरण प्लेटफॉर्म शामिल हैं.
ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा
युमा एनर्जी के प्रबंध निदेशक और महाप्रबंधक मुथु सुब्रमण्यन ने कहा कि हम दिल्ली क्षेत्र में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में तेजी लाने में मदद करने के लिए एमसीडी और बीआरपीएल को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं. हम साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं, क्योंकि एमसीडी और बीआरपीएल अपनी ग्रीन मोबिलिटी पहल को आगे बढ़ा रहे हैं और हम दिल्ली में युमा के फुटस्टेप को बढ़ाना जारी रखेंगे.
दिल्ली में ई-मोबिलिटी इको-सिस्टम को बढ़ाने में मिलेगी मदद
दिल्ली नगर निगम के उपायुक्त अमित कुमार ने कहा कि एमसीडी ईवी बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों और ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के माध्यम से दिल्ली में ई-मोबिलिटी इको-सिस्टम बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. बीआरपीएल के ईवी चार्जिंग इंफ्रा पार्टनर युमा एनर्जी द्वारा सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में बैटरी स्वैपिंग स्टेशन का उद्घाटन दिल्ली में ईवी ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ाने में मदद करेगा. हमें उम्मीद है कि युमा अपने अत्याधुनिक ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे के माध्यम से दिल्ली के नागरिकों को एक शानदार ईवी चार्जिंग अनुभव प्रदान करेगा.
दिल्ली को बनाएंगे भारत की ईवी राजधानी
बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता ने कहा कि बीएसईएस दिल्ली में ई-वाहन बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के प्रयासों का नेतृत्व कर रही है. राष्ट्रीय राजधानी में बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने की यह साझेदारी इन प्रयासों में उल्लेखनीय कदम बढ़ा रही है. हम दिल्ली को भारत की ईवी राजधानी बनाने के लिए समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ नवाचार को बढ़ावा देना जारी रखेंगे. युमा के बैटरी स्वैपिंग स्टेशन मुख्य रूप से युलु के इलेक्ट्रिक बाइक बेड़े को पूरा करते हैं. कंपनी का लक्ष्य स्वैप को यूजर्स के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए अधिक ओईएम और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ऑपरेटरों के लिए अपनी सेवाएं खोलना है. इससे कम स्वैप समय को भी बढ़ावा मिलना चाहिए.
जयपुर में भारत का पहला सौर ऊर्जा संचालित बैटरी स्वैपिंग स्टेशन
बताते चलें कि पिछले जुलाई महीने में फाइनेंस नेटवर्क टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म चार्जअप ने जयपुर में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भारत का पहला सौर ऊर्जा संचालित बैटरी स्वैपिंग स्टेशन की शुरुआत की है. यह स्टेशन बेनीवाल कांटा, चुंगी सर्कल, रामगढ़ मोड़, जयपुर में स्थित है. कंपनी की ओर से इस बैटरी स्वैपिंग स्टेशन की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की गई है. उसका कहना है कि पायलट प्रोजेक्ट का लक्ष्य प्रतीकात्मक रूप से गुलाबी शहर को हरित शहर में बदलना है. इसका लक्ष्य पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता के बिना बैटरी चार्जिंग को सक्षम करना है.
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही सरकार
भारत में पर्यावरण प्रदूषण और पारंपरिक ईंधन गैसोलीन (पेट्रोल-डीजल) से चलने वाले वाहनों को कम करने के लिए बैटरीचालित इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को सरकार की ओर से बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर की वाहन निर्माता कंपनियां भी पारंपरिक ईंधन से चलने वाली दोपहिया-तिपहिया, कार, बाइक, स्कूटी, बस आदि तो बना ही रही हैं, लेकिन उनका फोकस भी इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के निर्माण पर है. सबसे बड़ी बात यह है कि ऑटोमोबाइल कंपनियां प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण कर तो रही हैं, लेकिन ग्राहकों द्वारा खरीदने के बाद उन गाड़ियों की बैटरी को चार्ज करने की बड़ी समस्या पैदा हो गई है. क्योंकि, देश में चार्जिंग स्टेशनों की भारी कमी है. इस बीच खबर यह है कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में सौर ऊर्जा से चलने वाले भारत के पहले बैटरी स्वैपिंग स्टेशन की शुरुआत की गई है.
दुनिया में ईवी का सबसे बड़ा उत्पादक बन सकता है भारत
बताते चलें कि केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 25 मार्च 2023 को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम में दावा किया था कि भारत बहुत जल्द इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में दुनिया का नंबर-1 देश बन सकता है. उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक बन सकता है. उन्होंने कहा कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में खोजे गए लिथियम भंडार का उपयोग करके भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में तेजी से आगे निकल सकता है. उन्होंने सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों की आवश्यकता पर भी बल दिया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन परिवहन का भविष्य हैं.
लिथियम का सबसे बड़ा तीसरा उत्पादक भारत
इलेक्ट्रिक वाहनों में लगने वाली बैटरी को बनाने के लिए बड़े स्तर पर लिथियम का इस्तेमाल होता है. इसके अलावा, बैटरी से चलने वाले अन्य उपकरणों जैसे मोबाइल, स्मार्टवॉच, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा आदि में भी लिथियम का इस्तेमाल होता है. ऑटोमोबाइल सेक्टर की बात करें, तो चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया में वाहनों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. लिथियम महत्वपूर्ण संसाधन श्रेणी में आता है. फिलहाल, हम इसके 100 फीसदी आयात पर निर्भर हैं. हालांकि, भंडार के मिलने से अब भारत के लिए परिस्थितियां बदल सकती हैं.