भारतीय एयरलाइंस ग्राहक सेवा कर्मचारियों के काम के बोझ को कम करने और यात्रियों को बेहतर सेवाएं देने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) का लाभ उठा रही हैं. एयर इंडिया ने अपनी पांच वर्षीय बदलाव योजना के तहत एआई का व्यापक उपयोग करने की तैयारी की है. इसका जेनरेटिव एआई वर्चुअल एजेंट ‘एआई.जी’ 1,300 से अधिक विषयों को संभालता है.
इसी तरह देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के पास एआई चैटबॉट ‘6एस्काई’ है, जिसमें 1.7 लाख करोड़ मानक हैं, जिससे यह आसानी से सवालों के जवाब दे सकता है. यह बॉट ‘स्पीच-टू-टेक्स्ट’ मॉडल का उपयोग करके लिखित, टाइप की गई भाषा और मौखिक निर्देशों को समझ सकता है. अकासा एयर ने कहा कि वह सभी व्यावसायिक कार्यों में सिद्ध प्रौद्योगिकी समाधानों में भारी निवेश करना जारी रखेगी.
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दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से एक भारत में एयरलाइंस भी अपने बेड़े का विस्तार कर रही हैं. इसके साथ ही विमानन सहित सभी उद्योगों में एआई और मशीन लर्निंग (एमएल) जैसी तकनीकों को अपनाने में वृद्धि हो रही है.
एयर इंडिया के मुख्य डिजिटल और प्रौद्योगिकी अधिकारी सत्य रामास्वामी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि एआई का इस्तेमाल एयरलाइन के प्रौद्योगिकी दृष्टिकोण का एक अभिन्न अंग है और एआई बेहतर ढंग से ग्राहक सेवा अनुरोधों का जवाब दे रहा है.
इंडिगो के प्रवक्ता ने कहा कि उसके एआई चैटबॉट ‘6एस्काई’ की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई सुधार किए जा रहे हैं. इसके लिए गूगल के जेमिनी का उपयोग भी किया जा रहा है.