ALERT: गूगल क्रोम और आईट्यून का इस्तेमाल करने वाले डेस्कटॉप यूजर्स कभी भी साइबर हमले का शिकार हो सकते हैं. भारत सरकार की कंप्यूटर एमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने डेस्कटॉप कंप्यूटर के लिए इस खतरे को लेकर चेतावनी जारी की है.
CERT-In ने अपनी चेतावनी में बताया है कि आईट्यून और गूगल क्रोम ऐप में मौजूद कुछ कमियों का फायदा उठाकर यूजर्स के डिवाइस और उनकी व्यक्तिगत जानकारी तक हैकर्स पहुंच सकते हैं. इससे यूजर्स को पैसे-रुपये से जुड़े नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है.
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आईट्यून और क्रोम में मिली खामी
भारत सरकार की कंप्यूटर एमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम ने आईट्यून्स के वर्जन 12.13.2 से पहले के विंडोज पर कोरमीडिया में कमजोरी की ओर इशारा किया, जिससे कोई हैकर आपके सिस्टम में प्रवेश पा सकता है. सर्ट-इन ने गूगल क्रोम में भी कुछ खामियों का पता लगाया है, जो हैकर्स को आपके सिस्टम में ऐक्सेस दे सकती हैं. सरकार की तरफ से यूजर्स को इन दोनों ऐप्स को तुरंत अपडेट करने की सलाह दी गई है.
सेफ कैसे रहेंगे यूजर्स?
ऐप को समय-समय पर अपडेट करने से आप उसमें आयी कमी से होनेवाली समस्या का शिकार नहीं होंगे. अपने डिवाइस का सॉफ्टवेयर हमेशा अपडेट करते रहना चाहिए, जिससे आपकी डिवाइस सुरक्षित रह सके. कोई भी अनजान ऐप अपने डिवाइस में इंस्टॉल ना करें और कोई भी ऐप हमेशा विश्वसनीय ऐप स्टोर से ही इंस्टॉल करें. किसी अनजान लिंक पर क्लिक करके अपनी फायनांशियल और पर्सनल जानकारी ना दें.
क्या गूगल क्रोम और आईट्यून में सुरक्षा खामियां हैं?
जी हां, CERT-In ने बताया है कि गूगल क्रोम और आईट्यून में कुछ कमजोरियां हैं, जिनका फायदा उठाकर हैकर्स आपके डिवाइस और व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंच सकते हैं।
इन खामियों से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
यूजर्स को सलाह दी गई है कि वे गूगल क्रोम और आईट्यून को तुरंत अपडेट करें, जिससे इन खामियों से बचा जा सके।
सुरक्षित रहने के लिए और क्या कदम उठाए जाने चाहिए?
डिवाइस का सॉफ्टवेयर समय-समय पर अपडेट करें, अनजान ऐप्स इंस्टॉल करने से बचें, और केवल विश्वसनीय ऐप स्टोर से ऐप डाउनलोड करें।
क्या अनजान लिंक पर क्लिक करना सुरक्षित है?
नहीं, अनजान लिंक पर क्लिक करना खतरनाक हो सकता है। अपनी वित्तीय और व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें।
सरकार ने इस मामले में क्या चेतावनी दी है?
CERT-In ने यूजर्स को सतर्क रहने और अपने ऐप्स को अपडेट करने की सख्त सलाह दी है, ताकि साइबर हमलों से बचा जा सके।
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