भारत की वित्तीय आसूचना इकाई (एफआईयू) ने देश के आर्थिक चैनलों में धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसे अपराधों की जांच के लिए अपनी सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली को बेहतर बनाया है. इसके तहत एफआईयू ने कृत्रिम मेधा (एआई) और मशीन लर्निंग को अपनाते हुए अत्याधुनिक 2.0 संस्करण को चालू किया है.
वित्त वर्ष 2022-23 की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि तकनीकी ढांचे को बेहतर बनाने की जरूरत थी, क्योंकि बैंकों और विभिन्न अन्य वित्तीय संस्थानों की तरफ से विश्लेषण और जांच के लिए भेजे जाने वाले डेटा (संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट) की मात्रा बढ़ रही है.
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इस एजेंसी की स्थापना 2004 में धन शोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के खतरे के खिलाफ भारत की लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभाने के लिए हुई थी. हाल में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय आसूचना नेटवर्क (फिननेट) 2.0 की परिकल्पना इसलिए की गई, क्योंकि देश का विनियामक वातावरण बदल रहा है, प्रौद्योगिकी परिदृश्य विकसित हो रहा है.
पीटीआई-भाषा के पास उपलब्ध इस रिपोर्ट में कहा गया है, फिननेट 2.0 बेहतर विश्लेषणात्मक क्षमताओं, डेटा गुणवत्ता में सुधार, व्यापक अनुपालन निगरानी और अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों के लिए उभरती हुई प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाता है.
इसकी मदद से तत्काल कार्रवाई के लिए उच्च जोखिम वाले मामलों, संस्थाओं या रिपोर्टों को चिह्नित किया जा सकता है. यह जोखिम विश्लेषण का उपयोग करके मामलों को प्राथमिकता देता है.
भारत की वित्तीय आसूचना इकाई (एफआईयू) ने अपनी आईटी प्रणाली में क्या सुधार किया है?
एफआईयू ने धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच के लिए एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग करते हुए अपनी सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली का 2.0 संस्करण चालू किया है।
इस सुधार की आवश्यकता क्यों पड़ी?
रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से भेजे जाने वाले डेटा की मात्रा बढ़ रही थी, जिससे तकनीकी ढांचे को बेहतर बनाने की आवश्यकता महसूस हुई।
एफआईयू की स्थापना कब हुई थी?
एफआईयू की स्थापना 2004 में धन शोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई थी।
फिननेट 2.0 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
फिननेट 2.0 का उद्देश्य बेहतर विश्लेषणात्मक क्षमताओं, डेटा गुणवत्ता में सुधार, और सुरक्षा उपकरणों के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना है।
यह नया सिस्टम उच्च जोखिम वाले मामलों को कैसे चिह्नित करता है?
यह प्रणाली तत्काल कार्रवाई के लिए उच्च जोखिम वाले मामलों, संस्थाओं या रिपोर्टों को चिह्नित करती है और जोखिम विश्लेषण का उपयोग करके मामलों को प्राथमिकता देती है।
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