GenAI can transform healthcare in India? जेनेरेटिव एआई में भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को पूरी तरह से बदलने की क्षमता है जो चिकित्सकों द्वारा मरीजों का इलाज करने की दक्षता में सुधार कर सकती है. पीडब्ल्यूसी इंडिया की एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है.
‘भारतीय स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र पर जेनएआई के प्रभाव का आकलन’ शीर्षक वाली वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में जेनएआई का उपयोग करने वाले अग्रणी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा शामिल है और इस नवाचार का उद्योग पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है.
वित्त, ई-कॉमर्स और विनिर्माण जैसे ज्यादातर भारतीय उद्योग परिचालन दक्षता बढ़ाने और प्रक्रियाओं को स्वचालित करने के लिए धीरे-धीरे जेनएआई एवं अन्य एआई तकनीकों को अपना रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, खासकर स्वास्थ्य सेवा में जेनएआई उन्नत विश्लेषण को बढ़ा सकता है और रोगियों के लिए नैदानिक सिफारिशों और लक्षित हस्तक्षेपों को बेहतर बना सकता है.
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भारत में 2021 और 2023 के बीच जेनएआई स्टार्टअप की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है. इनका समग्र बाजार आकार 27.66 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और इसके वर्ष 2030 तक बढ़कर 4.20 अरब अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद है.
पीडब्ल्यूसी इंडिया के सलाहकार अर्नव बसु ने कहा कि इसका प्रभाव रोगी देखभाल से लेकर परिचालन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने तक होगा, जो तकनीकी रूप से उन्नत स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.