LinkedIn Report: कार्यस्थल पर रोजगार का परिदृश्य असामान्य रफ्तार से बदल रहा है. हालत यह है कि इस साल वैश्विक स्तर पर नियुक्त हर दसवां कर्मचारी ऐसे पदों पर काम कर रहा है, जिसका 2000 में वजूद भी नहीं था. हाल के समय में सृजित हुई इन भूमिकाओं में सस्टेनेबिलिटी मैनेजर, एआई इंजीनियर और सोशल मीडिया मैनेजर जैसे पद शामिल हैं.
कौन सी हैं नयी नौकरियां?
पेशेवर नेटवर्किंग मंच लिंक्डइन की तरफ से कार्य प्रकृति में बदलाव पर किये गए अध्ययन से यह जानकारी सामने आई है. इसके मुताबिक, अब कार्यस्थल पर सस्टेनेबिलिटी मैनेजर, एआई इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, सोशल मीडिया मैनेजर और कस्टमर सक्सेस मैनेजर जैसी भूमिकाएं सामान्य हो गई हैं.
नयी तकनीक, नयी भूमिका
कृत्रिम मेधा (एआई) जैसी नयी प्रौद्योगिकियों का उदय और टिकाऊ प्रवृत्ति पर बढ़ता ध्यान नयी रोजगार भूमिकाओं की मांग के पीछे प्रमुख कारण हैं. यह अध्ययन दुनिया भर के 5,000 से अधिक कारोबारी दिग्गजों के बीच कराये गए सर्वेक्षण पर आधारित है.
कामकाज में बदलाव की रफ्तार तेज
लिंक्डइन ने इस अध्ययन में पाया है कि भारत के 82 प्रतिशत कारोबारी दिग्गज इस बात से सहमत हैं कि कामकाज में बदलाव की रफ्तार तेज हो रही है. इसकी वजह यह है कि नयी भूमिकाओं, कौशल और प्रौद्योगिकी की मांग बढ़ रही है.
एआई टूल अपनाना प्राथमिकता
वैश्विक कारोबारी दिग्गजों ने जनरेटिव एआई की रूपांतरकारी क्षमता को स्वीकार किया है. दस में से सात कारोबारी दिग्गजों ने वर्ष 2025 में एआई टूल को अपने परिचालन में अपनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया है.
2025 में एआई को तेजी से अपनाने पर जोर
लिंक्डइन टैलेंट सॉल्यूशंस की भारत प्रमुख रुचि आनंद ने कहा, कंपनियां 2025 में एआई को तेजी से अपनाने पर जोर दे रही हैं. वे अपने कर्मचारियों को बेहतर बनाने और उन्हें फिर से कुशल बनाने में भी सार्थक निवेश कर रही हैं. एआई को अपनाना सिर्फ गति से संबंधित नहीं है, यह टीमों को सशक्त बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और सफल होने के लिए तैयार लचीले कार्यबल बनाने के बारे में भी है.
एआई को अपनाने की क्षमता करियर में बढ़ाएगी आगे
पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 69 प्रतिशत मानव संसाधन पेशेवरों को लगता है कि काम पर उनसे अपेक्षाएं पहले से अधिक हो चुकी हैं. वहीं 60 प्रतिशत पेशेवरों का कहना है कि सिर्फ अनुभव अब प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए पर्याप्त नहीं है और करियर में आगे बढ़ना काफी कुछ एआई को अपनाने की क्षमता पर निर्भर करता है.
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