Uninstall PhonePe: डिजिटल भुगतान ऑपरेटर फोनपे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समीर निगम ने नये कर्नाटक नौकरी कोटा बिल पर अपनी टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर फोनपे को अनइंस्टॉल करने के आह्वान के बाद बिना शर्त माफी मांग ली है.
क्या कहा समीर निगम ने?
समीर निगम ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया है- सबसे पहले मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि कर्नाटक और राज्य के लोगों का अपमान करना मेरा उद्देश्य कभी नहीं था. अगर मेरी टिप्पणी से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं वास्तव में खेद व्यक्त करता हूं और आपसे बिना शर्त माफी मांगना चाहता हूं.
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‘बिना शर्त माफी…’
कर्नाटक में अटके पड़े नौकरी आरक्षण विधेयक पर अपनी टिप्पणी को लेकर मचे बवाल के बीच फिनटेक कंपनी फोनपे के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और संस्थापक समीर निगम ने बिना शर्त माफी मांग ली है. उन्होंने कहा कि उनका कभी भी राज्य और उसके लोगों का अपमान करने का इरादा नहीं था.
सोशल मीडिया पर आलोचना और बहिष्कार
यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि फोनपे को सोशल मीडिया पर आलोचना और बहिष्कार का सामना करना पड़ा था, जब निगम ने कर्नाटक सरकार के नौकरियों के लिए कोटा विधेयक की आलोचना की थी, जिसमें मूल रूप से निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए आरक्षण का प्रस्ताव था. यह प्रस्ताव फिलहाल निलंबित कर दिया गया है.
‘फोनपे का जन्म बेंगलुरु में हुआ…’
रविवार को एक निजी बयान जारी करते हुए निगम ने कहा कि फोनपे का जन्म बेंगलुरु में हुआ था और टीम को ऐसे शहर में अपनी जड़ों पर अविश्वसनीय रूप से गर्व है, जो अपनी विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी प्रतिभा और जीवंत विविधता के लिए जाना जाता है.
‘लोगों का अपमान करने का मेरा कभी इरादा नहीं…’
निगम ने कहा, मैंने हाल ही में मीडिया में कुछ लेख पढ़े, जिनमें मैंने पिछले सप्ताह नौकरी आरक्षण विधेयक मसौदे के बारे में कुछ व्यक्तिगत टिप्पणियां की थीं. मैं सबसे पहले यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि कर्नाटक और उसके लोगों का अपमान करने का मेरा कभी इरादा नहीं था. उन्होंने कहा, यदि मेरी टिप्पणियों से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मैं सचमुच खेद व्यक्त करता हूं और आपसे बिना शर्त माफी मांगता हूं.
तब क्या कहा था समीर निगम ने?
पिछले हफ्ते, निगम ने विवादास्पद और विधेयक पर एक पोस्ट किया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया हुई थी. निगम ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया था, मैं 46 साल का हूं. 15 साल से ज्यादा समय तक किसी राज्य में नहीं रहा. मेरे पिता ने भारतीय नौसेना में काम किया. पूरे देश में उनकी तैनाती हुई. उनके बच्चे कर्नाटक में नौकरी के लायक नहीं हैं? मैं कंपनियां बनाता हूं. मैंने पूरे भारत में 25,000 से ज्यादा नौकरियां पैदा की हैं! मेरे बच्चे अपने गृह नगर में नौकरी के लायक नहीं हैं? शर्म की बात है. (भाषा इनपुट के साथ)
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