कानपुर शहर के करीब 2.50 लाख लोगों ने पैन को आधार कार्ड से लिंक नहीं कराया है, जिसके चलते उनके कार्ड को बंद कर दिया गया है. जिससे बैंक की तमाम सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. शेयर बाजार तक से बाहर होना पड़ रहा है. आयकर अधिनियम के तहत जून 2017 तक बने पैन को आधार कॉर्ड से लिंक करना अनिवार्य है. लिंक करने की आखिरी तारीख 30 जून 2023 थी. शहर में लगभग 16 लाख से अधिक लोगों के पास पैन कार्ड है. सरकार ने आधार से पैन को लिंक कराने के लिए मार्च 2022 तक कोई शुल्क नहीं रखा था.
वरिष्ठ सीए दीप कुमार मिश्र के अनुसार, शहर में बड़ी संख्या में आधार से पैन को लिंक नहीं कराने के मामले संज्ञान में आए हैं. जिनके पैन अब तक आधार से लिंक नहीं हुए हैं, वह इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन लिंक कर लें. विलंब शुल्क के रूप में एक हजार रुपये देने पड़ेंगे.
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वरिष्ठ कर विशेषज्ञ धर्मेंद्र श्रीवास्तव के अनुसार, शहर में लाखों लोग अब तक पैन को आधार से लिंक कराने से वंचित रह गए हैं. यह गंभीर समस्या है.आयकर विभाग की वेबसाइड पर जाकर लिंक करा लें, अन्यथा भविष्य में और परेशान होंगे. बैंकिंग से लेकर तमाम वित्तीय गतिविधियों में तमाम अड़चनें आएंगी.
केनरा बैंक के आरएम अमरनाथ पांडेय कहते हैं कि पैन कार्ड नहीं होने पर बैंक खाता में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज पर दोगुना टैक्स देना पड़ेगा. पैन वाले ग्राहक को दस फीसदी टैक्स देना पड़ता है, जबकि पैन न होने पर 20 फीसदी टीडीएस कटेगा. नया खाता खुलवाने पर पैन जरूरी नहीं लेकिन सहूलियत के लिए मांगा जरूर जाता है.
रियल इस्टेट से जुड़े राजेन्द्र कुमार कहते हैं कि पैन नहीं होने पर प्रॉपर्टी की खरीद में तमाम अड़चनें व आयकर विभाग की कार्रवाई का भय है. खासकर 50 लाख से अधिक की संपत्ति खरीद-बिक्री में दिक्कतें आएंगी. ऐसी स्थिति में 20 फीसदी टीडीएस देना होगा, जबकि एक प्रतिशत टीडीएस पैन होने पर देना पड़ता है.