West Bengal : कोलकाता में इंसानियत की मिसाल देखने को मिली है. बता दें कि अपने व्यक्ति के मृत्यु के बाद भी जिंदा रहेगा. जी हां, कोलकाता में बुधवार को एक और मृतक अंग दान देखा गया, जब ब्रेन-डेड रोगी के लिवर और किडनी को तीन प्राप्तकर्ताओं पर प्रत्यारोपण के लिए काटा गया. डोनर संभू प्रसाद बेरा की दो किडनी शहर में दो लोगों की जान बचाने के लिए तैयार हैं, जबकि लिवर को दिल्ली में एक मरीज में ट्रांसप्लांट किया जाएगा.
साथ ही आपको बता दें कि इस साल बंगाल में यह आठवां मृतक अंगदान था. उनमें से चार अप्रैल के महीने में हुए थे. डोनर बेरा 56 साल का था, जिसे बीते 22 अप्रैल को अपने चांदीपुर स्थित घर में ब्रेन हैमरेज हुआ था. परिजन पहले उन्हें पूर्वी मिदनापुर के चांदीपुर मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें कोलकाता ले जाने की सलाह दी. इसके चलते उन्हें पीयरलेस अस्पताल लाया गया. लेकिन, अस्पताल में उन्हें बता दिया गया कि उनके बचने की संभावना बहुत ही कम है.
इसके बाद परिजनों ने उन्हें वापस चांदीपुर ही ले आया. वहां से मरीज को दोबारा आईपीजीएमईआर ले जाया गया. यहां के डॉक्टरों ने जांच की तो ब्रेन डेथ के लक्षण मिले. परिवार को अंगदान की दी गयी. हालांकि, मृतक की बेटी बन्या बेरा ने कहा कि “नर्सिंग के एक छात्र के रूप में, मुझे पता था कि ब्रेन-डेड रोगी के अंग जीवन बचा सकते हैं. इसलिए, जब एसएसकेएम के डॉक्टरों और परामर्शदाताओं ने हमसे संपर्क किया, तो हमने इस उम्मीद के साथ अपनी सहमति दी कि मेरे पिता के अंग उन लोगों को नया जीवन देंगे, जो अंग विफलता से जूझ रहे हैं. हम इस दान से खुश हैं.”
बता दें कि ROTTO (पूर्वी) ने कमांड अस्पताल को किडनी आवंटित की थी, जिसमें मैचिंग प्राप्तकर्ता थे, शहर में मैचिंग प्राप्तकर्ताओं की कमी के कारण लिवर को इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज में भेजा गया था. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि डोनर का हार्ट ट्रांसप्लांट के लायक नहीं था. वहीं मृतक डोनर बेरा की कॉर्निया को एसएसकेएम अस्पताल में रखा गया है.